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Sonia Writes Letter to PM Modi : सोनिया का पीएम मोदी को पत्र, लिखा- विपक्ष के उठाए गए नौ मुद्दों पर चर्चा करें

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र के दौरान नौ मुद्दौं पर चर्चा की मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

Parliament Special Session
सोनिया गांधी की फाइल फोटो
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 2:15 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 2:40 PM IST

कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि विशेष संसद सत्र के लिए कोई एजेंडा सूचीबद्ध नहीं है इसलिए आप इस दौरान मणिपुर में हिंसा सहित इन नौ मुद्दों पर चर्चा करें. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में सांसद सोनिया गांधी ने अपने पत्र में केंद्र-राज्य संबंध, सांप्रदायिक तनाव के मामलों में वृद्धि और चीन की ओर से होने वाले सीमा उल्लंघन के मुद्दों पर चर्चा करने की सलाह दी है.

गांधी ने अपने पत्र में कहा कि मुझे यह अवश्य बताना चाहिए कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी परामर्श के बिना बुलाया गया है. हममें से किसी को भी इसके एजेंडे का अंदाजा नहीं है. हमें बस इतना बताया गया है कि सभी पांच दिन सरकारी कामकाज के लिए आवंटित कर दिए गए हैं.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का अवसर मिलेगा. मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा. सोनिया गांधी ने अपने पत्र में इन मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा है.

Parliament Special Session
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र.
Parliament Special Session
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र.
  1. आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई के संकट पर ध्यान देने के साथ वर्तमान आर्थिक स्थिति.
  2. एमएसपी और उनकी ओर से उठाई गई अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार की ओर से किसानों और किसान संगठनों से किये गये वादे.
  3. तमाम खुलासों के मद्देनजर अडाणी बिजनेस ग्रुप के लेनदेन की जांच के लिए जेपीसी की मांग.
  4. मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना.
  5. हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि.
  6. चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्जा और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती.
  7. जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता.
  8. केंद्र-राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा नुकसान.
  9. कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव

सोनिया गांधी ने अपने पत्र के अंत में लिखा है कि मुझे पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग की भावना से इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा. इस पत्र को जारी करते हुए एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह पहली बार है कि सदन की कार्यवाही में किसी एजेंडे पर चर्चा या सूचीबद्ध नहीं किया गया है.

रमेश ने कहा कि हम चाहते हैं कि आगामी सत्र रचनात्मक हो. उन्होंने कहा कि समूह की बैठक और इंडिया गठबंधन के दलों की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. रमेश ने पूछा कि अगर लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र की 'शहनाई' नहीं है, तो यह कैसा लोकतंत्र है.

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उन्होंने कहा कि जिन नियमों के तहत चर्चा हो सकती है, उन पर आपसी सहमति से चर्चा हो सकती है. रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री 'घबराए' और 'थके हुए' हैं. बता दें कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा.

(अतिरिक्त इनपुट पीटीआई)

कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश.

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि विशेष संसद सत्र के लिए कोई एजेंडा सूचीबद्ध नहीं है इसलिए आप इस दौरान मणिपुर में हिंसा सहित इन नौ मुद्दों पर चर्चा करें. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में सांसद सोनिया गांधी ने अपने पत्र में केंद्र-राज्य संबंध, सांप्रदायिक तनाव के मामलों में वृद्धि और चीन की ओर से होने वाले सीमा उल्लंघन के मुद्दों पर चर्चा करने की सलाह दी है.

गांधी ने अपने पत्र में कहा कि मुझे यह अवश्य बताना चाहिए कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी परामर्श के बिना बुलाया गया है. हममें से किसी को भी इसके एजेंडे का अंदाजा नहीं है. हमें बस इतना बताया गया है कि सभी पांच दिन सरकारी कामकाज के लिए आवंटित कर दिए गए हैं.

उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का अवसर मिलेगा. मुझे पूरी उम्मीद है कि इन मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा. सोनिया गांधी ने अपने पत्र में इन मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा है.

Parliament Special Session
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र.
Parliament Special Session
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र.
  1. आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई के संकट पर ध्यान देने के साथ वर्तमान आर्थिक स्थिति.
  2. एमएसपी और उनकी ओर से उठाई गई अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार की ओर से किसानों और किसान संगठनों से किये गये वादे.
  3. तमाम खुलासों के मद्देनजर अडाणी बिजनेस ग्रुप के लेनदेन की जांच के लिए जेपीसी की मांग.
  4. मणिपुर के लोगों की निरंतर पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना.
  5. हरियाणा जैसे विभिन्न राज्यों में सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि.
  6. चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्जा और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती.
  7. जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता.
  8. केंद्र-राज्य संबंधों को पहुंचाया जा रहा नुकसान.
  9. कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव

सोनिया गांधी ने अपने पत्र के अंत में लिखा है कि मुझे पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग की भावना से इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा. इस पत्र को जारी करते हुए एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह पहली बार है कि सदन की कार्यवाही में किसी एजेंडे पर चर्चा या सूचीबद्ध नहीं किया गया है.

रमेश ने कहा कि हम चाहते हैं कि आगामी सत्र रचनात्मक हो. उन्होंने कहा कि समूह की बैठक और इंडिया गठबंधन के दलों की बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया. रमेश ने पूछा कि अगर लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र की 'शहनाई' नहीं है, तो यह कैसा लोकतंत्र है.

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उन्होंने कहा कि जिन नियमों के तहत चर्चा हो सकती है, उन पर आपसी सहमति से चर्चा हो सकती है. रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री 'घबराए' और 'थके हुए' हैं. बता दें कि संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा.

(अतिरिक्त इनपुट पीटीआई)

Last Updated : Sep 6, 2023, 2:40 PM IST
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