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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे, इस तारीख को तय हुआ शपथ

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए की जीत के बाद अब शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू हो चुकी है. सूत्रों की माने तो दीपावली के बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. सातवीं बार होगा जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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Published : Nov 12, 2020, 9:31 AM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत प्राप्त होने के बाद सभी की निगाहें अगली सरकार के गठन पर टिकी हैं और ऐसी संभावना है कि दीपावली के बाद अगले सप्ताह नई सरकार का गठन हो सकता है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी और कहा कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे.

बिहार में सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने की राह पर बढ़ते हुए नीतीश कुमार अगले सप्ताह सोमवार (16 नवंबर) या उसके बाद शपथ ग्रहण कर सकते हैं . इससे पहले नवंबर के अंत में वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के मद्देनजर वह राज्यपाल को इस्तीफा भेज सकते हैं.

बिहार में अभी तक सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर है जो इस पद पर 17 वर्ष 52 दिन तक रहे थे . नीतीश कुमार इस पद पर अभी तक 14 वर्ष 82 दिन तक रह चुके हैं.

कब-कब बने बिहार के सीएम

  • नीतीश (तत्कालीन समता पार्टी के नेता) ने पहली बार 3 मार्च, 2000 को बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली. लेकिन बहुमत न होने पर इस्तीफा देना पड़ा था
  • 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
  • 26 नवंबर 2010 को तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
  • 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी साथ गठबंधन में 20 नवंबर 2015 को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी से रिश्ता तोड़ने के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद 27 जुलाई 2017 को छठी बार सीएम बने.

दो दशकों में सातवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कुमार का नाम पिछले दो दशकों में सात बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की विशिष्ट श्रेणी में आ जाएगा. उन्होंने सबसे पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन नहीं मिलने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.

साल 2005 में राजग को पूर्ण बहुमत मिलने पर कुमार मुख्यमंत्री बने. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन को देखते हुए नैतिक आधार पर कुमार ने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था. हालांकि एक वर्ष से भी कम समय में वह सत्ता में वापस लौटे.

महागठबंधन से किया मोहभंग

साल 2015 में नीतीश कुमार के जेडीयू और लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसे जीत हासिल हुई थी . हालांकि, तब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम धनशोधन के मामले में सामने आने पर उन्होंने जुलाई 2017 में इस्तीफा दे दिया था . कुमार ने हालांकि अगले दिन ही बीजेपी के सहयोग से नई सरकार बना ली थी.

...तो सातवीं बार शपथ लेंगे नीतीश!

बता दें कि नवीन पटनायक 5 बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान चार बार, सिक्किम के चामलिंग (1994 से अब तक) बंगाल में ज्योति बसु (1977 से 2000) तक मुख्यमंत्री रहे हैं. जब नीतीश कुमार शपथ लेंगे तो यह उनका सातवीं बार शपथ ग्रहण होगा.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बहुमत प्राप्त होने के बाद सभी की निगाहें अगली सरकार के गठन पर टिकी हैं और ऐसी संभावना है कि दीपावली के बाद अगले सप्ताह नई सरकार का गठन हो सकता है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी और कहा कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे.

बिहार में सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने की राह पर बढ़ते हुए नीतीश कुमार अगले सप्ताह सोमवार (16 नवंबर) या उसके बाद शपथ ग्रहण कर सकते हैं . इससे पहले नवंबर के अंत में वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त होने के मद्देनजर वह राज्यपाल को इस्तीफा भेज सकते हैं.

बिहार में अभी तक सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर है जो इस पद पर 17 वर्ष 52 दिन तक रहे थे . नीतीश कुमार इस पद पर अभी तक 14 वर्ष 82 दिन तक रह चुके हैं.

कब-कब बने बिहार के सीएम

  • नीतीश (तत्कालीन समता पार्टी के नेता) ने पहली बार 3 मार्च, 2000 को बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली. लेकिन बहुमत न होने पर इस्तीफा देना पड़ा था
  • 24 नवंबर 2005 में दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
  • 26 नवंबर 2010 को तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने.
  • 22 फरवरी 2015 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी साथ गठबंधन में 20 नवंबर 2015 को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने.
  • आरजेडी से रिश्ता तोड़ने के बाद बीजेपी के साथ गठबंधन करने के बाद 27 जुलाई 2017 को छठी बार सीएम बने.

दो दशकों में सातवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कुमार का नाम पिछले दो दशकों में सात बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की विशिष्ट श्रेणी में आ जाएगा. उन्होंने सबसे पहली बार साल 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन नहीं मिलने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.

साल 2005 में राजग को पूर्ण बहुमत मिलने पर कुमार मुख्यमंत्री बने. साल 2014 में लोकसभा चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन को देखते हुए नैतिक आधार पर कुमार ने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया था. हालांकि एक वर्ष से भी कम समय में वह सत्ता में वापस लौटे.

महागठबंधन से किया मोहभंग

साल 2015 में नीतीश कुमार के जेडीयू और लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने महागठबंधन बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसे जीत हासिल हुई थी . हालांकि, तब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम धनशोधन के मामले में सामने आने पर उन्होंने जुलाई 2017 में इस्तीफा दे दिया था . कुमार ने हालांकि अगले दिन ही बीजेपी के सहयोग से नई सरकार बना ली थी.

...तो सातवीं बार शपथ लेंगे नीतीश!

बता दें कि नवीन पटनायक 5 बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रहे हैं, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान चार बार, सिक्किम के चामलिंग (1994 से अब तक) बंगाल में ज्योति बसु (1977 से 2000) तक मुख्यमंत्री रहे हैं. जब नीतीश कुमार शपथ लेंगे तो यह उनका सातवीं बार शपथ ग्रहण होगा.

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