नई दिल्ली : नीति आयोग ने देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आयोग के अटल नवाचार मिशन (AIM) के तहत शुरू हुए अपनी तरह के पहले 'वर्नाकुलर' यानी स्थानीय भाषाओं में नवाचार कार्यक्रम (VIP) में नवोन्मेषकों एवं उद्यमियों को 22 क्षेत्रीय भाषाओं में सहायता मुहैया कराई जाएगी.
बुधवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस कार्यक्रम के लिए जरूरी क्षमता तैयार करने के लिए अटल नवाचार मिशन ने संविधान में अधिसूचित सभी 22 भाषाओं में वर्नाकुलर कार्यबल को चिह्नित किया है और उन्हें इसके लिए प्रशिक्षण भी देगा.
हरेक कार्यबल में संबंधित मातृभाषा के शिक्षक, विषय के जानकार, तकनीकी लेखक और क्षेत्रीय अटल इन्क्यूबेशन सेंटर के प्रमुख शामिल होंगे. नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने वीआईपी कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत को अपने विविधतापूर्ण सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना से अलग पहचान मिलती है जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं की सांस्कृतिक पहचान बहुत अहम होती है.
उन्होंने कहा, 'वीआईपी स्थानीय उद्यमियों, कारीगरों एवं नवोन्मेषकों की मदद कर हमारे समुदायों की डिजाइन एवं नवाचार क्षमता मजबूत करेगा. एआईएम के स्तर पर विकसित जानकारियों एवं तकनीकी सामग्रियों को आत्मसात कर यह कार्यक्रम भारत को डिजाइन विशेषज्ञों एवं नवाचार में लगे लोगों का एक मजबूत स्थानीय नेटवर्क बनाने में मदद करेगा.'
'रचनात्मक अभिव्यक्ति का आधार तैयार होगा'
इस मौके पर एआईएम के मिशन निदेशक चिंतन वैष्णव ने कहा कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा नवाचार एवं उद्यमशीलता में भाषाओं की दीवार गिराने के मकसद से तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय भाषाओं में रचनात्मक अभिव्यक्ति का आधार तैयार होगा. नीति आयोग ने देश भर में नवोन्मेषकों एवं उद्यमियों को सशक्त करने के उद्देश्य से एआईएम की शुरुआत की थी.
आयोग के मुताबिक, भारत इस तरह का कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का संभवतः पहला देश है जिसमें नवाचार पारिस्थितिकी को अंग्रेजी के अलावा 22 क्षेत्रीय भाषाओं में भी मुहैया कराया जाएगा.
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(पीटीआई-भाषा)