नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है. इस साल एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड के निजीकरण का लक्ष्य रखा गया है. सरकार का कहना है कि वह इसे हर हाल में पूरा करेगी.
सीतारमण ने उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगायी गई पाबंदियों को हटाए जाने के बाद से अर्थव्यवस्था में तेजी और पुनरूद्धार के संकेत हैं.
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई में बढ़कर 620 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
वित्त मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है. यहां तक कि महामारी के दौरान भी सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाया गया. पिछले साल केंद्र ने कृषि कानूनों और श्रम सुधारों को आगे बढ़ाया.
उन्होंने उद्योग जगत को आगे आने और अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया.
सीआईआई की बैठक को संबोधित करते हुए निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने कहा था कि कोविड की दूसरी लहर से प्रभावित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की विनिवेश प्रक्रिया वापस पटरी पर लौट आई है और विभाग का लक्ष्य मार्च अंत तक कई उपक्रमों में विनिवेश प्रक्रिया को पूरा करना है.
उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का मेगा आईपीओ चालू वित्त वर्ष के आखिर तक आने की उम्मीद है और सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से इस वित्त वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये का लाभांश मिलने की उम्मीद कर रही है.
उन्होंने जोर देते हुये कहा कि इस साल एयर इंडिया, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, पवन हंस, बीईएमएल और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड का निजीकरण पूरा कर लिया जाएगा और स्वामित्व एवं नियंत्रण में बदलाव से इन कंपनियों के मूल्यांकन को बढ़ावा मिलेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 में बजट भाषाण में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी सहित एक बड़े निजीकरण एजेंडे की घोषणा की थी.
उन्होंने कहा था कि वर्ष 2021-22 में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण करने का प्रस्ताव हैं. इसके लिए विधायी संशोधनों की आवश्यकता होगी.
वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र में चार साधारण बीमा कंपनियां हैं. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड. इनमें से किसी एक का निजीकरण किया जाएगा. सरकार को इनमें से विनिवेश के लिए नाम को लेकर अंतिम निर्ण करना है.
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट में लक्ष्य रखा है. अब तक सरकार ने एक्सिस बैंक, एनएमडीसी लिमिटेड और आवास एवं शहरी विकास निगम में हिस्सेदारी बेचकर 8,368 करोड़ रुपये ही जुटाये हैं.