पानीपत: हरियाणा के पानीपत समालखा के भोडवाल माजरी क्षेत्र में वार्षिक निरंकारी संत समागम का शुभारंभ 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक होने जा रहा है. कोरोना महामारी के चलते 2020 और 21 में यह समागम ऑनलाइन हुआ था. कोरोना के बाद अब यह दूसरा समागम है. पिछले वर्ष यह कार्यक्रम 5 दिन का हुआ था, लेकिन इस बार समागम कार्यक्रम तीन दिन का होगा. कार्यक्रम में लगभग 30 से 35 लाख लोग के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है.
निरंकारी संत समागम कब होगा?: 27 अक्टूबर तक कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएगी. 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक यह कार्यक्रम चलेगा. समागम में 50 से ज्यादा देशों से लोगों यहां पहुंचेंगे. वहीं, पूरे भारत से रोजाना इस समागम में लाखों लोग शामिल होंगे. संगत के लिए पंडाल से अतिरिक्त रिहायशी टेंट भी लगाए जाएंगे, जहां बाहर से आने वाले श्रद्धालु रख सकेंगे. इन सभी लोगों के लिए खाने-पीने की भी उचित व्यवस्था समागम स्थल पर रहेगी. इसके अलावा अलग-अलग स्थान पर कैंटीन की सुविधा भी रहेगी और साथ में पार्किंग व्यवस्था भी उचित रूप से बनाई गई है. इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था रेलवे स्टेशन पर भी की गई है. भोडवाल माजरी के रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाली सभी पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव किया गया है.
क्या-क्या रहेगी व्यवस्था?: निरंकारी समागम स्थल के 160 एकड़ में चारों ओर करीब 120 कैंटीन रहेगी. समागम में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए समागम स्थल पर रोजाना करीब 5 लाख चपाती बनाई जाएगी. 25 एंबुलेंस समागम स्थल पर मौजूद रहेंगी. समागम स्थल पर 20 डिस्पेंसरी भी रहेंगी. इसके अलावा समागम स्थल पर विदेश से आए हुए 60 डॉक्टरों की भी टीम रहेगी. भोडवाल माजरी रेलवे स्टेशन पर 70 से ज्यादा ट्रेनों का ठहराव रहेगा. सुरक्षा व्यवस्था पर मद्देनजर रखते हुए 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की ड्यूटी समागम स्थल पर रहेगी.
संत निरंकारी मिशन का उद्देश्य क्या है?: इस बड़े कार्यक्रम को मद्देनजर रखते हुए जिला उपायुक्त वीरेंद्र दहिया बताया कि समागम को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी. अधिकारियों से बैठक कर सभी सुझाव लिए जाएंगे और किसी प्रकार की कोई भी असुविधा नहीं होने दी जाएगी.
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