भुवनेश्वर : विशेष राहत आयुक्त (Special Relief Commissioner ) प्रदीप जेना (Pradeep Jena) ने आज सूचित किया कि ओडिशा में बारिश से संबंधित हादसों में अब तक कम से कम नौ लोगों की मौत हो चुकी है.
उन्होंने कहा, बैतरणी और ब्रम्हानी जैसी अन्य नदियों का जलस्तर चिंताजनक नहीं है. इस बीच, ओडीआरएएफ की 30 टीमों, एनडीआरएफ की 12 टीमों और ओडिशा अग्निशमन सेवा (Odisha Fire Service) की 10 टीमों को किसी भी आपात स्थिति के लिए बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, पुरी, कटक और जाजपुर जिलों में भेजा गया है.
राज्य में मानव हताहतों के बारे में विस्तार से बताते हुए, जेना ने कहा कि केंद्रपाड़ा जिले में तीन, जाजपुर में दो और खोरधा, गंजम, क्योंझर और सुबरनापुर में एक-एक की मौत हुई.
विशेष राहत आयुक्त ने कहा कि दो लोग लापता हैं और जिला प्रशासन विवरण का पता लगाने के लिए जांच कर रहा है.
साथ ही छत्तीसगढ़ में महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण खोले गए हीराकुंड बांध के 28 फाटकों के साथ, ओडिशा सरकार ने कहा कि निचले जलग्रहण क्षेत्रों में शनिवार तक कम से मध्यम बाढ़ आने की संभावना है.
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) प्रदीप जेना ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के कारण महानदी में ऊफान पर है. हीराकुंड जलाशय में जल स्तर बढ़ने के साथ अधिकारियों ने पिछले दो दिनों में चरणबद्ध तरीके से खोले गए 24 गेटों के अलावा आज सुबह चार और गेट खोले.
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सुबह 11 बजे जल स्तर 628.62 फीट था, जबकि पूर्ण जलाशय स्तर (एफआरएल) 630 फीट था, जबकि बाढ़ के पानी का प्रवाह और बहिर्वाह क्रमशः 5.20 लाख क्यूसेक और 4.80 लाख क्यूसेक था.
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, जेना ने कहा कि आज दोपहर हीराकुंड जलाशय के 28 गेट खुले थे, जिसके माध्यम से 4.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था. हम उम्मीद कर रहे हैं कि महानदी में यह चरम बाढ़ शनिवार को मुंडाली को पार कर जाएगी.