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कर्नाटक : बेलगावी में ब्लैक फंगस के नौ मामले मिले, दो की संदिग्ध मौत - corona treatment's side effects

कर्नाटक के बेलगावी जिले में ब्लैक फंगस के नौ और व्हाइट फंगस दो मामले सामने आए हैं. यहां दो मरीजों की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई है.

Black fungus and two white fungus case found  in Belagavi
बेलागवी में 9 ब्लैक फंगस और दो सफेद फंगस के मामले मिले, दो की संदिग्ध मौत
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Published : May 24, 2021, 12:45 AM IST

बेलगावी : कर्नाटक के बेलगावी जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शशिकांत मुन्याला ने कहा कि जिले में ब्लैक फंगस के नौ और व्हाइट फंगस दो मामले सामने आए हैं और उनमें से दो की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई है.

उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद, ब्लैक फंगस के मामले पिछले 15 दिनों से सामने आ रहे हैं. जिले में ब्लैक फंगस के नौ और व्हाइट फंगस के दो मामले मिले हैं. इनमें से दो की संदिग्ध मौत हो गई. ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के मामले कोरोना के इलाज के साइड इफेक्ट्स के रूप में सामने आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हम BIMS अस्पताल में फंगस का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन पाइपलाईन में असावधानी की वजह से भी इसके मामले बढ़ रहे हैं. मरीज की पाइपलाईन को 48 घंटे के अंदर बदलने की जरूरत है. वहीं मास्क को भी रोजाना बदलना चाहिए और इसे गर्म पानी से धोना चाहिए. एक ही मास्क को बिना धोए दो तीन दिन तक इस्तेमाल करने से पसीने की मात्रा बढ़ेगी, जो की फंगस को पैदा करता है.

पढ़ें : तमिलनाडु : 28 वर्षीय गर्भवती डॉक्टर की कोरोना से मौत

बता दें, बेलगावी जिले में 70 साल से अधिक उम्र के दो लोगों की ब्लैक फंगस से मौत हो गई है. अन्य लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. सरकार के आदेशानुसार राज्य के छह अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज किया जा रहा है.

बेलगावी : कर्नाटक के बेलगावी जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शशिकांत मुन्याला ने कहा कि जिले में ब्लैक फंगस के नौ और व्हाइट फंगस दो मामले सामने आए हैं और उनमें से दो की संदिग्ध तरीके से मौत हो गई है.

उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद, ब्लैक फंगस के मामले पिछले 15 दिनों से सामने आ रहे हैं. जिले में ब्लैक फंगस के नौ और व्हाइट फंगस के दो मामले मिले हैं. इनमें से दो की संदिग्ध मौत हो गई. ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के मामले कोरोना के इलाज के साइड इफेक्ट्स के रूप में सामने आ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हम BIMS अस्पताल में फंगस का इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन पाइपलाईन में असावधानी की वजह से भी इसके मामले बढ़ रहे हैं. मरीज की पाइपलाईन को 48 घंटे के अंदर बदलने की जरूरत है. वहीं मास्क को भी रोजाना बदलना चाहिए और इसे गर्म पानी से धोना चाहिए. एक ही मास्क को बिना धोए दो तीन दिन तक इस्तेमाल करने से पसीने की मात्रा बढ़ेगी, जो की फंगस को पैदा करता है.

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बता दें, बेलगावी जिले में 70 साल से अधिक उम्र के दो लोगों की ब्लैक फंगस से मौत हो गई है. अन्य लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. सरकार के आदेशानुसार राज्य के छह अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज किया जा रहा है.

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