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बिहार में माओवादी नेता विजय आर्या के कई ठिकानों पर NIA की रेड

माओवादी नेता विजय आर्या के कई ठिकानों पर एनआईए की रेड पड़ी है. ये छापमारी सुबह 6 बजे से चल रही है. विजय आर्या खुद अभी जेल में बंद है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

NIA raids on Vijay Arya house
NIA raids on Vijay Arya house
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Published : Sep 2, 2022, 9:34 AM IST

Updated : Sep 2, 2022, 11:00 AM IST

पटनाः माओवादियों के शीर्ष नेता विजय आर्या के कई ठिकानों पर एनआईए ने एक साथ छापेमारी की है. पटना में शास्त्रीनगर स्थित एजी कालोनी में विजय आर्य के इंजीनियर बेटा के यहां छापेमारी हो रही है. इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में छापेमारी चल रही है. औरंगाबाद के गोह के महेश परासी स्थित बेटी जिला पार्षद शोभा कुमारी के ससुराल में भी छापेमारी हो रही है. इसके अलावा गया जिले के कोच थाना अंतर्गत करवा गांव में भी छापा मारा जा रहा है. तीनों जगहों पर सुबह 6 बजे से एनआईए ने रेड किया है.

ये भी पढ़ें - कुख्यात नक्सली विजय आर्या को पटना की स्पेशल टीम ने पकड़ा, विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं 14 केस

''एनआईए कोर्ट के कांड संख्या 5/ 22 जो कि रोहतास से किसी मामले में है, इसमें एनआईए के द्वारा न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद छापेमारी की जा रही है. उनके आवास से कुछ दस्तावेज बरामद हुआ है जिसका फोटो कॉपी एनआईए के एक अधिकारी के द्वारा करवाया गया है. विजय आर्या जेल हिरासत में हैं. समय-समय पर कोर्ट में हाजिर भी होते हैं.''- संजीव कुमार, वकील, विजय आर्या

13 अप्रैल को हुई गिरफ्तारी : बता दें कि 13 अप्रैल 2022 को रोहतास और औरंगाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पिछले 4 साल से फरार कुख्यात इनामी नक्सली विजय आर्य को गिरफ्तार किया था. साथ में इसका शागिर्द नक्सली उमेश चौधरी को भी पुलिस ने धर दबोचा था. पुलिस की यह कार्रवाई रोहतास थाने के समहुता के पास की गई थी. नक्सली विजय आर्या पर 14 राज्यों में केस दर्ज हैं.

बता दें कि नक्सली विजय आर्य गया जिले के कोच थाना क्षेत्र का रहने वाला है और गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास जिले के विभिन्न इलाकों में नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है. यह इनामी नक्सली है और पिछले कई दिनों से रोहतास के पहाड़ी इलाके में अपने संगठन को विस्तार करने में लगा था. खासकर भाकपा माओवादी के सोन-गंगा विंध्याचल कमेटी को फिर से सक्रिय करने के लिए काम कर रहा था.

ऐसा रहा है सफर : माओवादी नेता ने गुरारू चीन मिल के मजदूरों की लड़ाई से अपनी राजनीतिक सफर शुरू की थी. बाद में वाम धारा की नक्सलपंथी संगठन एमसीसी में शामिल हो गया. माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी के सदस्य बनने के बाद सरकार ने जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर इनाम घोषित किया था. बाद में इसे गिरफ्तार किया गया.

करीब आठ वर्षों तक कटिहार, भागलपुर, बक्सर, गया, सासाराम, करीम नगर, हैदराबाद, विशाखापट्नम, समेत अन्य जेलों में बंद रहा. वर्ष 2018 में न्यायालय ने बरी किया तबसे जेल से बाहर था और अपने घर पर रह रहा था. एक अगस्त को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान इसके घर पहुंचे थे और मुख्य धारा में शामिल होने का आग्रह किए थे.

पटनाः माओवादियों के शीर्ष नेता विजय आर्या के कई ठिकानों पर एनआईए ने एक साथ छापेमारी की है. पटना में शास्त्रीनगर स्थित एजी कालोनी में विजय आर्य के इंजीनियर बेटा के यहां छापेमारी हो रही है. इंस्पेक्टर मुकेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में छापेमारी चल रही है. औरंगाबाद के गोह के महेश परासी स्थित बेटी जिला पार्षद शोभा कुमारी के ससुराल में भी छापेमारी हो रही है. इसके अलावा गया जिले के कोच थाना अंतर्गत करवा गांव में भी छापा मारा जा रहा है. तीनों जगहों पर सुबह 6 बजे से एनआईए ने रेड किया है.

ये भी पढ़ें - कुख्यात नक्सली विजय आर्या को पटना की स्पेशल टीम ने पकड़ा, विभिन्न राज्यों में दर्ज हैं 14 केस

''एनआईए कोर्ट के कांड संख्या 5/ 22 जो कि रोहतास से किसी मामले में है, इसमें एनआईए के द्वारा न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त करने के बाद छापेमारी की जा रही है. उनके आवास से कुछ दस्तावेज बरामद हुआ है जिसका फोटो कॉपी एनआईए के एक अधिकारी के द्वारा करवाया गया है. विजय आर्या जेल हिरासत में हैं. समय-समय पर कोर्ट में हाजिर भी होते हैं.''- संजीव कुमार, वकील, विजय आर्या

13 अप्रैल को हुई गिरफ्तारी : बता दें कि 13 अप्रैल 2022 को रोहतास और औरंगाबाद पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए पिछले 4 साल से फरार कुख्यात इनामी नक्सली विजय आर्य को गिरफ्तार किया था. साथ में इसका शागिर्द नक्सली उमेश चौधरी को भी पुलिस ने धर दबोचा था. पुलिस की यह कार्रवाई रोहतास थाने के समहुता के पास की गई थी. नक्सली विजय आर्या पर 14 राज्यों में केस दर्ज हैं.

बता दें कि नक्सली विजय आर्य गया जिले के कोच थाना क्षेत्र का रहने वाला है और गया, जहानाबाद, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास जिले के विभिन्न इलाकों में नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है. यह इनामी नक्सली है और पिछले कई दिनों से रोहतास के पहाड़ी इलाके में अपने संगठन को विस्तार करने में लगा था. खासकर भाकपा माओवादी के सोन-गंगा विंध्याचल कमेटी को फिर से सक्रिय करने के लिए काम कर रहा था.

ऐसा रहा है सफर : माओवादी नेता ने गुरारू चीन मिल के मजदूरों की लड़ाई से अपनी राजनीतिक सफर शुरू की थी. बाद में वाम धारा की नक्सलपंथी संगठन एमसीसी में शामिल हो गया. माओवादी संगठन के सेंट्रल कमेटी के सदस्य बनने के बाद सरकार ने जिंदा या मुर्दा पकड़े जाने पर इनाम घोषित किया था. बाद में इसे गिरफ्तार किया गया.

करीब आठ वर्षों तक कटिहार, भागलपुर, बक्सर, गया, सासाराम, करीम नगर, हैदराबाद, विशाखापट्नम, समेत अन्य जेलों में बंद रहा. वर्ष 2018 में न्यायालय ने बरी किया तबसे जेल से बाहर था और अपने घर पर रह रहा था. एक अगस्त को पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान इसके घर पहुंचे थे और मुख्य धारा में शामिल होने का आग्रह किए थे.

Last Updated : Sep 2, 2022, 11:00 AM IST
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