चेन्नई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े आरोपियों ठिकानों पर छापेमारी की. चेन्नई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के 6 अधिकारियों ने तिरुवोट्टियूर थंगल न्यू कॉलोनी इलाके में अब्दुल रजाक के घर पर छापेमारी की. बताया गया कि थेनी, मदुरै और डिंडीगुल सहित आठ से अधिक स्थानों पर जांच पड़ताल की गई. जांच एजेंसी ने पिछले साल 19 सितंबर को इस संबंध में मामला दर्ज किया था. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को आतंकवाद का समर्थन करने के आरोप में बैन कर दिया था.
बता दें कि पिछले साल पीएफआई के खिलाफ देशव्यापी कार्रवाई की गई थी. इस दौरान पूरे देश में सौ से अधिक संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इनके खिलाफ मामला अदालत में लंबित है. पकड़े गए आरोपियों के खुलासे के आधार पर अन्य दूसरे आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. एनआईए की छानबीन में पाया गया है कि पीएफआई का जाल ग्रामीण स्तर तक फैला है. संगठन से जुड़े लोग युवकों को कट्टरता का पाठ पढ़ाते हैं और हथियारों का प्रशिक्षण देते थे. कई इलाकों में इनकी गहरी पैठ है.
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खासकर केरल और तमिलनाडु में पीएफआई सबसे अधिक सक्रिय है. इसका खुलास एक आरोप पत्र में हुआ है. इसमें बताया गया कि संगठन का उद्देश्य 2047 तक भारत में एक इस्लामी शासन स्थापित करना था. इस उद्देश्य को अंतिम रूप देने के लिए पीएफआई द्वारा हिंसा के कृत्यों को अंजाम दिया जाता है. जांच एजेंसी ने हिंसक कृत्यों में कथित संलिप्तता के लिए पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में आपराधिक मामले दर्ज किए गए.