नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपहरण, हत्या और जबरन वसूली में शामिल आपराधिक गिरोहों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ऐसे गिरोह और उसके सदस्यों का एक डोजियर तैयार किया है जो दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में सक्रिय हैं (NIA prepared dossier of top gangsters). केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जांच एजेंसी से ऐसे गिरोहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है जो असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं. ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब ऐसे आपराधिक गिरोह भारत की सुरक्षा के लिए हानिकारक संगठनों के साथ मिलीभगत से भी काम करते हैं.
कई राज्यों के अपराधियों पर कसेगा शिकंजा : दिल्ली और एनसीआर के अलावा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में सक्रिय अन्य आपराधिक गिरोह भी एनआईए के निशाने पर हैं. इस संबंध में आधिकारिक सूत्रों ने 'ईटीवी भारत' को बताया कि एनआईए की ओर से तैयार किए गए डोजियर में नीरज बबवाना गिरोह और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों के नाम शामिल हैं. बबवाना गिरोह के सौरव, सुरबेग, शुभम बलियान, राकेश, इरफान दविंदर, रोहित चौधरी और रवि गंगवाल का नाम इसमें शामिल है. वहीं, बिश्नोई गिरोह के जिन सदस्यों के नाम एनआईए के डोजियर में शामिल हैं, उनमें संदीप उर्फ काला जठेरी, कपिल सांगवान, रोहित मोई, दीपक बॉक्सर, प्रिंस तेबटिया, अशोक प्रधान और राजेश बबनिया हैं.
एनआईए को जांच सौंपने का खाका पिछले दो हफ्तों में नॉर्थ ब्लॉक में हुई कुछ बैक टू बैक बैठकों के बाद लिया गया था. इन बैठकों में एनआईए के शीर्ष अधिकारी, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ, गृह मंत्रालय और आईबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया था. बैठकों के दौरान इन गिरोहों की गतिविधियों की समीक्षा की गई थी. अधिकारियों ने कहा, 'एनआईए पूरी जांच शुरू करने से पहले इस संबंध में जल्द ही प्राथमिकी दर्ज करेगी.' पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हाल ही में हुई हत्या में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ भी कथित रूप से सामने आया है, इससे शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारी अलर्ट हैं.
एनआईए को गिरोह के सभी सदस्यों के खिलाफ यूएपीए मामले दर्ज करने को कहा गया है. इन दोनों गैंग के सदस्य कई असामाजिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं. अपहरण, जबरन वसूली और टारगेट किलिंग में इन गिरोहों की संलिप्तता पाई गई है, इससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ी है. यह पहली बार है कि भारत के आतंकवाद विरोधी संगठन एनआईए को आपराधिक गिरोहों से निपटने का काम सौंपा गया है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहरण और जबरन वसूली के साथ-साथ हत्या की घटनाओं में तेज वृद्धि देखी गई है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है '2021 के दौरान अपहरण और जबरन वसूली के कुल 1,01,707 मामले दर्ज किए गए. 2020 में 84,805 मामले दर्ज किए गए थे. इस तरह से ये 19.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.'
दिल्ली में 2021 में अपहरण और जबरन वसूली के 5527 मामले, उत्तर प्रदेश में 14554, हरियाणा में 3554, पंजाब में 1787 मामले दर्ज किए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 428 लोग अपहरण और फिरौती के शिकार हुए.
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