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NIA ने तीन खालिस्तानी हमदर्दों और गैंगस्टरों के खिलाफ जारी किया एलओसी

एनआईए ने तीन खालिस्तानी समर्थकों/गैंगस्टरों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसके साथ ही एनआईए तीन खालिस्तानी समर्थकों की भी तलाश कर रही है.

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Published : May 20, 2023, 8:55 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश भर में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में शामिल पाए गए तीन खालिस्तानी समर्थकों/गैंगस्टरों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

ईटीवी भारत के पास मौजूद दस्तावेजों से पता चला है कि आतंकी गतिविधियों में शामिल अमरीक सिंह, हरजोत सिंह और मनदीप सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और एलओसी जारी किया गया है.

तीनों एनआईए केस आरसी 37/2022/एनआईए/डीएलआई (देश के विभिन्न हिस्सों में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की गैरकानूनी गतिविधियां) के मामले में वांछित हैं.

एजेंसी को जांच के दौरान पता चला है कि अमरीक फिलीपींस में है, हरजोत को आखिरी बार यूएसए में देखा गया था और मंदीप की अंतिम उपस्थिति फिलीपींस में पाई गई थी.

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'वे आतंकवादी गतिविधियों के साथ-साथ भारत में खालिस्तानी समर्थक आंदोलनों से संबंधित गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे.'

एनआईए तीन और खालिस्तानी हमदर्दों के साथ-साथ गैंगस्टरों सतनाम सिंह सत्ता, कश्मीर सिंह गलवड्डी उर्फ ​​बलबीर सिंह और लखबीर सिंह संधू उर्फ ​​लांडा की भी तलाश में है. एजेंसी ने एनआईए केस संख्या आरसी-37/2022/एनआईए/डीएलआई के संबंध में इन तीनों को पकड़ने के लिए अपना तलाशी अभियान पहले ही तेज कर दिया है.

अधिकारी ने कहा कि 'सतनाम, कश्मीर और लखबीर ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के साथ साजिश रची है.'

एनआईए ने तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121 और 121 (ए) और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 17,18,18बी, और 38 के तहत मामला दर्ज किया है.

जांच में सामने आया है कि ये फरार आरोपी वर्तमान में अपने स्थानीय संपर्कों के समर्थन से अपनी गतिविधियों को चला रहे हैं जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है. अधिकारी ने कहा कि 'हमारी जांच के दौरान हमने पाया है कि जेल के कई कैदी जो इन गैंगस्टरों और खालिस्तानी हमदर्दों के साथ काम कर रहे थे, नए युवकों की मदद से अपनी गतिविधियों को चला रहे हैं.'

वास्तव में भारत भर के विभिन्न राज्यों में एनआईए द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी में यह भी पाया गया है कि गैंगस्टर और खालिस्तानी हमदर्द संयुक्त रूप से विदेशों से और जेल के अंदर से अपनी आतंक और ड्रग्स से संबंधित गतिविधियों को चला रहे हैं.

बुधवार को एनआईए ने पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश में संयुक्त कार्रवाई की और आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग माफिया साठगांठ के सिलसिले में 324 स्थानों पर तलाशी ली.

पढ़ें- NIA Conducts Searches : आतंकवाद से जुड़े दो मामलों में 15 जगहों पर NIA की छापेमारी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने देश भर में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में शामिल पाए गए तीन खालिस्तानी समर्थकों/गैंगस्टरों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

ईटीवी भारत के पास मौजूद दस्तावेजों से पता चला है कि आतंकी गतिविधियों में शामिल अमरीक सिंह, हरजोत सिंह और मनदीप सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और एलओसी जारी किया गया है.

तीनों एनआईए केस आरसी 37/2022/एनआईए/डीएलआई (देश के विभिन्न हिस्सों में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन की गैरकानूनी गतिविधियां) के मामले में वांछित हैं.

एजेंसी को जांच के दौरान पता चला है कि अमरीक फिलीपींस में है, हरजोत को आखिरी बार यूएसए में देखा गया था और मंदीप की अंतिम उपस्थिति फिलीपींस में पाई गई थी.

एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'वे आतंकवादी गतिविधियों के साथ-साथ भारत में खालिस्तानी समर्थक आंदोलनों से संबंधित गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे.'

एनआईए तीन और खालिस्तानी हमदर्दों के साथ-साथ गैंगस्टरों सतनाम सिंह सत्ता, कश्मीर सिंह गलवड्डी उर्फ ​​बलबीर सिंह और लखबीर सिंह संधू उर्फ ​​लांडा की भी तलाश में है. एजेंसी ने एनआईए केस संख्या आरसी-37/2022/एनआईए/डीएलआई के संबंध में इन तीनों को पकड़ने के लिए अपना तलाशी अभियान पहले ही तेज कर दिया है.

अधिकारी ने कहा कि 'सतनाम, कश्मीर और लखबीर ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) के साथ साजिश रची है.'

एनआईए ने तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121 और 121 (ए) और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 17,18,18बी, और 38 के तहत मामला दर्ज किया है.

जांच में सामने आया है कि ये फरार आरोपी वर्तमान में अपने स्थानीय संपर्कों के समर्थन से अपनी गतिविधियों को चला रहे हैं जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है. अधिकारी ने कहा कि 'हमारी जांच के दौरान हमने पाया है कि जेल के कई कैदी जो इन गैंगस्टरों और खालिस्तानी हमदर्दों के साथ काम कर रहे थे, नए युवकों की मदद से अपनी गतिविधियों को चला रहे हैं.'

वास्तव में भारत भर के विभिन्न राज्यों में एनआईए द्वारा हाल ही में की गई छापेमारी में यह भी पाया गया है कि गैंगस्टर और खालिस्तानी हमदर्द संयुक्त रूप से विदेशों से और जेल के अंदर से अपनी आतंक और ड्रग्स से संबंधित गतिविधियों को चला रहे हैं.

बुधवार को एनआईए ने पंजाब और हरियाणा पुलिस के साथ पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश में संयुक्त कार्रवाई की और आतंकवादी-गैंगस्टर-ड्रग माफिया साठगांठ के सिलसिले में 324 स्थानों पर तलाशी ली.

पढ़ें- NIA Conducts Searches : आतंकवाद से जुड़े दो मामलों में 15 जगहों पर NIA की छापेमारी

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