ETV Bharat / bharat

NIA files Supplimentary Chargesheet: एनआईए ने जमात-उल-बांग्लादेश मामले में दाखिल की पूरक चार्जशीट - NIA files supplementary charge sheet

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मध्य प्रदेश की एक अदालत में एक आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है. एनआईए ने आरोपी के खिलाफ जमात-उल-बांग्लादेश मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है.

National Investigation Agency
राष्ट्रीय जांच एजेंसी
author img

By

Published : Jan 13, 2023, 7:49 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को जमात-उल-बांग्लादेश (जेएमबी) मामले में एक आरोपी के खिलाफ मध्य प्रदेश की एक अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया है. चार्जशीट उस मामले में दायर की गई थी, जो बांग्लादेश के छह अवैध अप्रवासियों सहित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेएमबी के 10 सक्रिय कैडरों की गिरफ्तारी से संबंधित था. एनआईए से मिली जानकारी के अनुसार यह मामला मार्च 2022 में भोपाल थाने में दर्ज किया गया था.

इसके बाद इस मामले को पिछले साल 2 अप्रैल को एनआईए ने फिर से दर्ज किया था. आरोपी अली सागर उर्फ अब्दुल्ला बिहारी उर्फ उमैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और यूए (पीए) अधिनियम की धारा 13, 18, 20, 38 और 39 के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था. जांच से पता चला है कि आरोपी अली सागर भारत में अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से भारतीय उपमहाद्वीप में जेएमबी और अल कायदा जैसे विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की विचारधारा से गहराई से प्रभावित था.

एनआईए के एक अधिकारी ने इस मामले में कहा, 'उसने भारतीय मुसलमानों को भारतीय राज्य के खिलाफ हिंसक जिहाद की तैयारी के लिए प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और प्रेरित करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ एक आपराधिक साजिश रची. उक्त आपराधिक साजिश के तहत अभियुक्त अली सागर ने जिहादी साहित्य का उर्दू/अरबी से हिंदी में अनुवाद किया और प्रभावशाली मुसलमानों के बीच इसे प्रसारित करने के लिए इसे सोशल मीडिया समूहों पर अपलोड किया.'

पढ़ें: NIA files Charge Sheet: एनआईए ने जम्मू-कश्मीर ड्रोन मामले में छह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

एनआईए अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच के बाद यह सामने आया है कि वह झूठे और विकृत उपदेशों के माध्यम से भारत के खिलाफ असहमति पैदा करने में शामिल था कि लोकतंत्र इस्लाम विरोधी था और लोकतंत्र के कारण भारत में मुसलमानों को सताया जा रहा था.

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को जमात-उल-बांग्लादेश (जेएमबी) मामले में एक आरोपी के खिलाफ मध्य प्रदेश की एक अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया है. चार्जशीट उस मामले में दायर की गई थी, जो बांग्लादेश के छह अवैध अप्रवासियों सहित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेएमबी के 10 सक्रिय कैडरों की गिरफ्तारी से संबंधित था. एनआईए से मिली जानकारी के अनुसार यह मामला मार्च 2022 में भोपाल थाने में दर्ज किया गया था.

इसके बाद इस मामले को पिछले साल 2 अप्रैल को एनआईए ने फिर से दर्ज किया था. आरोपी अली सागर उर्फ अब्दुल्ला बिहारी उर्फ उमैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और यूए (पीए) अधिनियम की धारा 13, 18, 20, 38 और 39 के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था. जांच से पता चला है कि आरोपी अली सागर भारत में अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के इरादे से भारतीय उपमहाद्वीप में जेएमबी और अल कायदा जैसे विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की विचारधारा से गहराई से प्रभावित था.

एनआईए के एक अधिकारी ने इस मामले में कहा, 'उसने भारतीय मुसलमानों को भारतीय राज्य के खिलाफ हिंसक जिहाद की तैयारी के लिए प्रभावित करने, कट्टरपंथी बनाने और प्रेरित करने के लिए अपने सहयोगियों के साथ एक आपराधिक साजिश रची. उक्त आपराधिक साजिश के तहत अभियुक्त अली सागर ने जिहादी साहित्य का उर्दू/अरबी से हिंदी में अनुवाद किया और प्रभावशाली मुसलमानों के बीच इसे प्रसारित करने के लिए इसे सोशल मीडिया समूहों पर अपलोड किया.'

पढ़ें: NIA files Charge Sheet: एनआईए ने जम्मू-कश्मीर ड्रोन मामले में छह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

एनआईए अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच के बाद यह सामने आया है कि वह झूठे और विकृत उपदेशों के माध्यम से भारत के खिलाफ असहमति पैदा करने में शामिल था कि लोकतंत्र इस्लाम विरोधी था और लोकतंत्र के कारण भारत में मुसलमानों को सताया जा रहा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.