नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार तड़के उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में कई स्थानों पर ड्रग तस्कर गिरोहों और आतंकी समूहों के साथ उनकी सांठगांठ के खिलाफ चल रहे मामले में छापेमारी की. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में छापेमारी की गई ताकि भारत और विदेशों में स्थित आतंकवादियों, गैंगस्टरों, ड्रग तस्करों और तस्करों के बीच उभरते गठजोड़ को खत्म किया जा सके.
पिछले नौ महीनों में, सुरक्षा बलों ने पड़ोसी देश पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्र में 191 ड्रोन के अवैध प्रवेश को देखा है, जो देश में आंतरिक सुरक्षा के मामले में बड़ी चिंता पैदा करता है. केंद्र सरकार ने हाल ही में पाकिस्तान की ओर से इस तरह के अवैध प्रयासों को बनाए रखने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों से इनपुट साझा किया था. इससे पहले सोमवार को सीमा सुरक्षा बलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर से पंजाब के अमृतसर सेक्टर में भारत में घुसे एक ड्रोन को मार गिराया था.
एनआईए की अलग-अलग टीमों ने राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर कुछ विशिष्ट इनपुट के आधार पर गैंगस्टरों के कुछ स्थानों पर एक साथ ये छापेमारी की. एनआईए ने 12 सितंबर को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में 50 स्थानों पर इसी तरह की छापेमारी की थी. इस साल 26 अगस्त को दिल्ली पुलिस द्वारा पहले दर्ज किए गए दो मामलों को फिर से दर्ज करने के बाद आतंकवाद विरोधी एजेंसी द्वारा इस सांठगांठ के खिलाफ जांच शुरू करने के बाद एनआईए की कार्रवाई शुरू हुई.
भारत और विदेशों में स्थित कुछ सबसे हताश गिरोह के नेताओं और उनके सहयोगियों, जो इस तरह की आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, की पहचान की गई और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. एनआईए ने पहले कहा था कि हाल ही में सनसनीखेज अपराध और आपराधिक सिंडिकेट और गैंगस्टरों द्वारा व्यवसायियों, डॉक्टरों सहित पेशेवरों आदि को जबरन वसूली की कॉलों ने लोगों में व्यापक भय पैदा कर दिया था. ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच आतंक पैदा करने के लिए साइबर स्पेस का उपयोग कर रहे थे.
एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि इस तरह के आपराधिक कृत्य अलग-अलग स्थानीय घटनाएं नहीं थी, बल्कि आतंकवादियों, गैंगस्टरों और नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गिरोहों के तालमेल से रची गई एक गहरी साजिश थी. ये गिरोह देश के भीतर और बाहर दोनों जगह से काम कर रहे है. एनआईए ने कहा कि कई गिरोह के नेता और सदस्य भारत से भाग गए और अब पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देशों से इन गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
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एजेंसी द्वारा पंजाब में शौर्य चक्र पुरस्कार विजेता कॉमरेड बलविंदर सिंह की हत्या की जांच के दौरान भी यही पता चला कि हत्या की साजिश राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही है. जिसे एक संगठित नेटवर्क अंजाम दे रहा है. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये गिरोह अपने आपराधिक सिंडिकेट और गतिविधियों को चलाने और बढ़ावा देने और आम जनता को आतंकित करने के लिए लक्षित हत्याओं को अंजाम दे रहे हैं. जिनमें प्रमुख लोग भी शामिल थे. ये गिरोह ऐसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिए धन भी जुटा रहे हैं.
इन अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और अपराध नेटवर्क को खत्म करने के लिए पिछले महीने की गई छापेमारी में, एनआईए ने फाजिल्का, फेयरडकोट, मुक्तसर साहब, मोगा, तरण तारन, अमृतसर, लुधियाना, चंडीगढ़, पंजाब के मोहाली जिलों, पूर्वी गुरुग्राम, भिवानी में 50 स्थानों पर तलाशी ली थी. हरियाणा के यमुना नगर, सोनीपत और झज्जर जिले, राजस्थान के हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले और द्वारका, बाहरी उत्तर, उत्तर पश्चिम, उत्तर पूर्व और दिल्ली / एनसीआर के शाहदरा जिलों में भी छापेमारी की गई थी.
एनआईए ने इसके बाद गोल्डी बराड़ (कनाडा), लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, वरिंदर प्रताप उर्फ काला राणा, काला जठेड़ी, विक्रम बराड़, गौरव पटियाल उर्फ लकी पटियाल (जो पहले आर्मेनिया में गिरफ्तार किया गया था), नीरज बवाना, कौशल चौधरी टिल्लू ताजपुरिया, अमित डागर, दीपक कुमार उर्फ टीनू, संदीप उर्फ बंदर, उमेश उर्फ काला, इरफान उर्फ चीनू पहलवान, आशिम उर्फ हाशिम बाबा, सचिन भांजा व उनके साथियों के परिसरों की तलाशी ली थी. तब तलाशी के दौरान, एनआईए ने गोला-बारूद के साथ छह पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, एक बन्दूक जब्त की थी. इसके अलावा, एनआईए द्वारा पिछले महीने किए गए ऑपरेशन में ड्रग्स, नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, बेनामी संपत्ति का विवरण और धमकी भरे पत्र भी जब्त किए गए थे.
(एएनआई)