भोपाल। आईएसआईएस (ISIS) के जबलपुर मॉडयूल के चार लोगों के खिलाफ भोपाल की एनआईए ने कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया. एनआईए ने बताया कि अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी प्रतिबंधित किए गए. आतंकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित थे और कई प्रमुख नेताओं को निशाने बनाने के लिए सक्रियता से काम कर रहे थे.
एनआईए ने भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम से जुड़ी धाराओं में तीन आरोपियों सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद को मई माह में गिरफ्तार किया था. जबकि, इनके एक और साथी कासिफ खान को अगस्त माह में गिरफ्तार किया गया था.
सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को जोड़ते थे: एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया का जबलपुर मॉड्यूल भोले भाले मुस्लिम युवाओं को बरगलाने की साजिश रच रहा है. आईएसआईएस का यह जबलपुर मॉड्यूल स्थानीय धार्मिक स्थलों और घरों में बैठकें आयोजित करता था. यह आईएसआईएस के इशारे पर देश में आतंक फैलाने की योजना बना रहा है.
इनके निशाने पर लोकतांत्रित संस्थानों से जुड़े कई व्यक्ति थे. यह मॉड्यूल सोशल मीडिया पर भी सकिय था और इसके माध्यम से भी युवाओं को विचारधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा था.
भोपाल के पास हुई थी ट्रेनिंग: एनआईए ने इन संदिग्ध आतंकियों को मई माह में जबलपुर से गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि इनके निशाने पर भोपाल का रानी कमलापति रेल्वे स्टेशन सहित कई महत्वपूर्ण स्थान थे. आरोपियों ने कई स्थानों पर रेकी भी की थी. इनकी ट्रेनिंग भोपाल के पास देलाबाड़ी के जंगलो में हुई थी. इस दौरान इन्हें घातक हथियार भी चलाने सिखाए गए थे. यह गतिविधियों को तेज गति से चलाने के लिए पैसे जुटाने का भी प्रयास कर रहे थे.
ISIS की विचारधार से प्रभावित था काशिफ: अगस्त 2023 में शहर में हुई कार्रवाई में एनआईए की तरफ से जारी प्रेस नोट में बताया गया कि "काशिफ प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से बहुत अधिक प्रभावित था. उसी विचारधारा के आधार पर वह एक टीम के भीतर शामिल था. इस टीम के द्वारा लगातार लोगों को बरगलाया जाता था. सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की विचारधारा को बदलने की कोशिश की जा रही थी.
इन लोगों का प्लान था कि जबलपुर में एक्टिव रहकर देश के अलग-अलग हिस्सों में तबाही मचा दें. काशिफ अपने तीन सहयोगियों, सैयद मामूर अली, मोहम्मद आदिल खान और मोहम्मद शाहिद के साथ मिलकर काम कर रहा था. जिन्हें NIA ने इस साल मई में गिरफ्तार किया था.
साथ ही इस पूरी कार्रवाई में यह भी सामने आया था कि गिरफ्तार की गई टीम के सदस्य युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ बड़ी-बड़ी बैठकर करते थे. हथियार खरीदने के लिए धन भी एकत्रित कर रहे थे. जांच से पता चला है कि साजिश की योजना बनाई जा रही थी और आरोपियों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से आईएसआईएस का प्रचार-प्रसार किया जा रहा था. ISIS स्थानीय आतंकी मॉड्यूल स्थापित करके पूरे भारत में अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रहा है.