नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. जम्मू कश्मीर आतंकी साजिश मामले में एनआईए ने शुक्रवार को कश्मीरी आतंकवादी समूहों से जुड़े दो लोगों को श्रीनगर से गिरफ्तार किया है (NIA arrests two terrorists).
मुशाइब फैयाज बाबा उर्फ शोएब (20) और हिलाल याकूब देवा उर्फ सेठी सोब (35) प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों लश्कर-टीआरएफ के पाक स्थित कमांडरों और संचालकों के लिए काम कर रहे थे.
हाल के दिनों में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और उनकी नई शाखाओं और सहयोगियों के आवासीय परिसरों पर एनआईए द्वारा की गई छापेमारी के बाद ये गिरफ्तारियां हुईं. छापे के दौरान कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए. एनआईए (केस आरसी-05/2022/एनआईए/जेएमयू) की जांच कर रही है.
एनआईए ने कहा कि 'जांच से पता चला है कि आज गिरफ्तार किए गए दो आरोपी सोशल मीडिया एप्लिकेशन के माध्यम से पाकिस्तान स्थित कमांडरों और विभिन्न आतंकवादी संगठनों के सक्रिय सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में थे. वे आतंकवादियों के ओजीडब्ल्यू के रूप में काम कर रहे थे और एक बड़ी साजिश के तहत पाक स्थित कमांडरों/हैंडलरों के निर्देश पर हथियारों और धन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में सक्रिय रूप से शामिल थे.'
यह साजिश विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के कैडरों और ओजीडब्ल्यू ने पाकिस्तान स्थित अपने कमांडरों के साथ मिलकर रची थी. ये कैडर और ओजीडब्ल्यू नशीले पदार्थों, नकदी, छोटे हथियारों, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) और रिमोट-नियंत्रित स्टिकी बम, मैगनेटिक बम सहित अन्य प्रकार के आईईडी की बड़ी खेप जमा करने और इनकी सप्लाई में सक्रिय रूप से शामिल थे.
जांच से पता चला है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के लिए ऐसे आतंकवादी हार्डवेयर और आईईडी या तो ड्रोन के जरिए पहुंचाए जाते हैं या स्थानीय स्तर पर इकट्ठे किए जाते हैं.
एनआईए ने कहा कि 'आतंकी साजिश का उद्देश्य आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देकर और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़कर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ना था.'
एनआईए की जांच के अनुसार, आतंकवादी संगठन अल्पसंख्यकों, प्रवासियों और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने में शामिल थे. एनआईए जांच में कहा गया है कि सुरक्षित एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया ऐप्स का उपयोग करके साजिश रची गई थी.