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जम्मू कश्मीर: NIA ने टेरर फंडिंग मामले में 2 लोगों को किया गिरफ्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नियंत्रण रेखा के पार व्यापार और आतंकी फंडिंग मामले (terror funding case) में जम्मू-कश्मीर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एनआईए ने सोमवार को छापेमारी के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया था.

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Published : Jun 28, 2022, 10:12 PM IST

नई दिल्ली/श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर से दो लोगों तनवीर अहमद वानी और पीर अरशद इकबाल उर्फ आशु को एलओसी पार व्यापार और आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया. तनवीर अहमद वानी पुलवामा और पीर अरशद इकबाल बारामूला का निवासी है. दोनों को सोमवार को आतंकवाद विरोधी एजेंसी द्वारा की गई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को इस संबंध में जानकारी दी गई.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'गिरफ्तार आरोपी सीमा पार एलओसी ट्रेडर्स हैं. वे अपने स्वयं के नाम और अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों के नाम पर पंजीकृत कई एलओसी व्यापार फर्मों को संभाल रहे थे. वे विभिन्न आतंकवादी संगठनों, ओजीडब्ल्यू, पथराव करने वालों को धन मुहैया कराते थे.' मामला जम्मू-कश्मीर और पीओके के बीच नियंत्रण रेखा के पार व्यापार तंत्र के माध्यम से अतिरिक्त लाभ अर्जित करने और केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उन धन का उपयोग करने से संबंधित है. उक्त व्यापार 2008 में सलामाबाद, बारामूला जिले के उरी और पुंछ जिले के चाकन-दा-बाग में स्थित दो व्यापार सुविधा केंद्रों (टीएफसी) के माध्यम से शुरू किया गया था.

व्यापार तंत्र के एसओपी के अनुसार, 21 वस्तुओं को पीओके और जम्मू-कश्मीर के बीच व्यापार करने की अनुमति दी गई थी और यह वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित है. जांच के दौरान, यह पता चला है कि व्यापारियों द्वारा निर्यात वस्तुओं के अधिक चालान और आयात वस्तुओं के कम चालान से अतिरिक्त लाभ अर्जित किया था. मामले में आगे की जांच जारी है.

पढ़ें- टेरर फंडिंग मामला: बारामूला में एलओसी ट्रेड से जुड़े सेल्समैन के आवास पर एनआईए का छापा

नई दिल्ली/श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर से दो लोगों तनवीर अहमद वानी और पीर अरशद इकबाल उर्फ आशु को एलओसी पार व्यापार और आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया. तनवीर अहमद वानी पुलवामा और पीर अरशद इकबाल बारामूला का निवासी है. दोनों को सोमवार को आतंकवाद विरोधी एजेंसी द्वारा की गई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था. मंगलवार को इस संबंध में जानकारी दी गई.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'गिरफ्तार आरोपी सीमा पार एलओसी ट्रेडर्स हैं. वे अपने स्वयं के नाम और अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों के नाम पर पंजीकृत कई एलओसी व्यापार फर्मों को संभाल रहे थे. वे विभिन्न आतंकवादी संगठनों, ओजीडब्ल्यू, पथराव करने वालों को धन मुहैया कराते थे.' मामला जम्मू-कश्मीर और पीओके के बीच नियंत्रण रेखा के पार व्यापार तंत्र के माध्यम से अतिरिक्त लाभ अर्जित करने और केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उन धन का उपयोग करने से संबंधित है. उक्त व्यापार 2008 में सलामाबाद, बारामूला जिले के उरी और पुंछ जिले के चाकन-दा-बाग में स्थित दो व्यापार सुविधा केंद्रों (टीएफसी) के माध्यम से शुरू किया गया था.

व्यापार तंत्र के एसओपी के अनुसार, 21 वस्तुओं को पीओके और जम्मू-कश्मीर के बीच व्यापार करने की अनुमति दी गई थी और यह वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित है. जांच के दौरान, यह पता चला है कि व्यापारियों द्वारा निर्यात वस्तुओं के अधिक चालान और आयात वस्तुओं के कम चालान से अतिरिक्त लाभ अर्जित किया था. मामले में आगे की जांच जारी है.

पढ़ें- टेरर फंडिंग मामला: बारामूला में एलओसी ट्रेड से जुड़े सेल्समैन के आवास पर एनआईए का छापा

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