हैदराबाद : भारत के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में दो भाइयों को एनआईए ने गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस गिरफ्तारी को पाकिस्तानी जासूसी रैकेट का पर्दाफाश बताया है. दोनों भाइयों का नाम इमरान गितेली और अनीस गितेली है.
इमरान को विशाखापट्टनम जासूसी रैकेट मामले में हाल ही गिरफ्तार किया गया है जबकि अनीस को उत्तर प्रदेश से जुड़े जासूसी रैकेट चलाने के दौरान पकड़ा गया. इमरान और अनीस की गिरफ्तारी के बाद रैकेट के सरगना और भारत विरोधी गतिविधि में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है.
एनआईए को जांच के दौरान पता चला है कि इमरान पहले दर्जी (tailoring) के रूप में काम करता था. इसके बाद उसने ऑटो चालक के रूप में भी काम किया. वह कपड़ों के व्यापार के बहाने अक्सर पाकिस्तान आता-जाता रहता था.
आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में गतिविधियां
इमरान ने विशाखापट्टनम और मुंबई में बंदरगाह के आस-पास के इलाकों में नौसेना के कर्मचारियों को प्रभावित किया है. वह फोटो और वीडियो फुटेज के अलावा महत्वपूर्ण जानकारियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को अवैध तरीके से भेजा करता था. इन जानकारियों में महत्वपूर्ण संस्थानों, रणनीतिक बिंदुओं और रक्षा संस्थानों की जानकारी के अलावा अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़ी जगहों की जानकारी भी शामिल है.
एक साल में 65 लाख रुपये
गोपनीय जानकारियों के बदले इमरान ने नौसेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत की भी पेशकश की. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल एक साल में उसने 65 लाख रुपये दिए. इससे पाक के लिए की गई जासूसी की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश से सेना में पहुंचा, 20 साल पहले रिटायर
मार्च महीने में एनआईए ने इमरान को गिरफ्तार किया. इमरान से जुड़े केस और इस मामले के सरगना का पता लगाने के लिए जांच जारी है. इमरान के भाई अनीस द्वारा की गई जासूसी के प्रकरण में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के सौरभ शर्मा का भी जिक्र आता है. सौरभ भारतीय सेना मैं कार्यरत था और साल 2000 में स्वास्थ्य कारणों के आधार पर सेना से रिटायर हुआ.
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पूर्व सैनिक की पत्नी के खाते में पैसे
सौरभ शर्मा ने अनीस को गोपनीय जानकारियां मुहैया कराई जिसके बदले में सौरभ की पत्नी के खाते में लगातार पैसे जमा किए गए. इस मामले में यूपी की आतंक रोधी शाखा ने कार्रवाई की जिसके बाद एनआईए ने अनीस को गिरफ्तार किया.
दोषियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी
फिलहाल इस प्रकरण की जांच जारी है, जिससे जासूसी से जुड़े दोषियों को गिरफ्तार किया जा सके और उन पैसों का भी पता लगाया जा सके जिन्हें नौसेना के कर्मचारी और सेना के से जुड़े लोगों के खातों में जमा किया गया है.