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NIA arrested two Maoists: 2019 तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामला, NIA ने दो नक्सलियों को किया गिरफ्तार - तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार नक्सली

NIA arrested two Maoists साल 2019 के तिरिया नक्सल मुठभेड़ में एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक महिला नक्सली और एक पुरुष नक्सली है. दोनों की गिरफ्तारी कहां से हुई है. इस बात की जानकारी अभी तक सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से नहीं दी गई है. रविवार को दोनों माओवादियों को एनआईए ने अरेस्ट किया है. पद्मा उर्फ ​​​​मोडेम पद्मा उर्फ ​​​​ललिता पहले नक्सलियों की डिवीजनल कमेटी सदस्य के रूप में सक्रिय थी. वर्तमान में फ्रंट संगठनों और नक्सलियों के बीच समन्वयक के रूप में काम कर रही थी. देवेंद्र कोर क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों के साथ जुड़ा हुआ था. वह नक्सलियों के लिए एक कूरियर के रूप में भी काम कर रहा था. वह नक्सलियों की एंटी नेशनल एक्टिविटीज (anti national activities) में मदद कर रहा था. Tiriya Naxal encounter case

NIA arrested two Maoists from Chhattisgarh
NIA ने दो नक्सलियों को किया गिरफ्तार
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Published : Jun 20, 2023, 7:12 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 9:10 PM IST

रायपुर/बस्तर: छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी( NIA) साल 2019 के तिरिया नक्सल मुठभेड़ में कार्रवाई करते हुए दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. दोनों गिरफ्तार नक्सलियों में जो महिला नक्सली है उसका नाम पदमा उर्फ माड़ेम उर्फ ललिता है. जबकि दूसरे नक्सली का नाम दुबासी देवेंद्र है. इन दोनों की गिरफ्तारी कहां से हुई है. इस बात का खुलासा अभी नहीं हो पाया है. तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामले में एनआईए ने अब तक कुल चार गिरफ्तारियां की है. जिसमें ये दोनों गिरफ्तारियां भी शामिल है. दोनों की पहचान बीसी पद्मा और दुबासी देवेंद्र के रूप में हुई है.

तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार नक्सली पदमा और देवेंद्र को लेकर हुए कई खुलासे : एनआईए के मुताबिक नक्सली पदमा उर्फ माड़ेम उर्फ ललिता नक्सल संगठन से कई वर्षों से जुड़ी हुई है. वह नक्सलियों के मंडल समिति सदस्य के रूप में काम कर चुकी है.मौजूदा समय में वह नक्सलियों के मोर्चा संगठनों में तालमेल बिठाने का काम कर रही थी. जबकि नक्सली देवेंद्र नक्सलियों के कैडर से नजदीकी रूप में जुड़ा हुआ है. वह नक्सलियों के लिए एक कूरियर मैन के रूप में भी कार्य करता है. दोनों नक्सली माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व से भी जुड़े हुए थे. एनआईए मार्च 2021 से तिरिया नक्सल मुठभेड़ केस की जांच कर रही है. एनआईए जांच से पता चला था था कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में शामिल थे. एजेंसी ने इससे पहले दोनों आरोपियों के ठिकाने से नक्सल कैडरों की गतिविधियों से संबंधित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी.

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क्या है तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामला : जगदलपुर के पास नगरनार के इलाके में तिरिया गांव पड़ता है. यहां साल 2019 में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था. 28 जुलाई 2019 को नक्सलियों के शहीद दिवस के मौके पर तिरिया गांव में भारी संख्या में माओवादी जुटे थे. ये नक्सली सुरक्षा बलों को निशाने पर लेने की योजना बनाकर यहां आए थे. फिर उसके बाद जैसे ही यहां सुरक्षाबलों की टीम पहुंची तो नक्सलियों ने हमला कर दिया. मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था. साथ ही साथ साइट से कई आपत्तिजनक हस्तलिखित दस्तावेज और नक्सल साहित्य भी बरामद किए गए थे. इस मुठभेड़ में छह नक्सलियों और एक नागरिक की मौत हुई थी

सोर्स: पीटीआई

रायपुर/बस्तर: छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी( NIA) साल 2019 के तिरिया नक्सल मुठभेड़ में कार्रवाई करते हुए दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. दोनों गिरफ्तार नक्सलियों में जो महिला नक्सली है उसका नाम पदमा उर्फ माड़ेम उर्फ ललिता है. जबकि दूसरे नक्सली का नाम दुबासी देवेंद्र है. इन दोनों की गिरफ्तारी कहां से हुई है. इस बात का खुलासा अभी नहीं हो पाया है. तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामले में एनआईए ने अब तक कुल चार गिरफ्तारियां की है. जिसमें ये दोनों गिरफ्तारियां भी शामिल है. दोनों की पहचान बीसी पद्मा और दुबासी देवेंद्र के रूप में हुई है.

तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार नक्सली पदमा और देवेंद्र को लेकर हुए कई खुलासे : एनआईए के मुताबिक नक्सली पदमा उर्फ माड़ेम उर्फ ललिता नक्सल संगठन से कई वर्षों से जुड़ी हुई है. वह नक्सलियों के मंडल समिति सदस्य के रूप में काम कर चुकी है.मौजूदा समय में वह नक्सलियों के मोर्चा संगठनों में तालमेल बिठाने का काम कर रही थी. जबकि नक्सली देवेंद्र नक्सलियों के कैडर से नजदीकी रूप में जुड़ा हुआ है. वह नक्सलियों के लिए एक कूरियर मैन के रूप में भी कार्य करता है. दोनों नक्सली माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व से भी जुड़े हुए थे. एनआईए मार्च 2021 से तिरिया नक्सल मुठभेड़ केस की जांच कर रही है. एनआईए जांच से पता चला था था कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में शामिल थे. एजेंसी ने इससे पहले दोनों आरोपियों के ठिकाने से नक्सल कैडरों की गतिविधियों से संबंधित कई आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी.

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क्या है तिरिया नक्सल मुठभेड़ मामला : जगदलपुर के पास नगरनार के इलाके में तिरिया गांव पड़ता है. यहां साल 2019 में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था. 28 जुलाई 2019 को नक्सलियों के शहीद दिवस के मौके पर तिरिया गांव में भारी संख्या में माओवादी जुटे थे. ये नक्सली सुरक्षा बलों को निशाने पर लेने की योजना बनाकर यहां आए थे. फिर उसके बाद जैसे ही यहां सुरक्षाबलों की टीम पहुंची तो नक्सलियों ने हमला कर दिया. मुठभेड़ के बाद, सुरक्षा बलों ने हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था. साथ ही साथ साइट से कई आपत्तिजनक हस्तलिखित दस्तावेज और नक्सल साहित्य भी बरामद किए गए थे. इस मुठभेड़ में छह नक्सलियों और एक नागरिक की मौत हुई थी

सोर्स: पीटीआई

Last Updated : Jun 20, 2023, 9:10 PM IST
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