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बिहार जहरीली शराब कांड पर NHRC ने बनाई टीम, मौके पर पहुंचकर करेगी जांच - बिहार में जहरीली शराब से मौत

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) (National Human Rights Commission ) ने बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब कांड पर मीडिया रिपोर्ट को स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार को नोटिस भेजा था, जिसपर कार्रवाई करते हुए NHRC ने अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में जांच टीम को मौके पर नियुक्त करने का फैसला किया है.

National Human Rights Commission Etv Bharat
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Published : Dec 17, 2022, 10:15 PM IST

पटना: बिहार में जहरीली शराब कांड (Bihar Hooch tragedy ) पर एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी खुद की जांच टीम को मौके पर भेजने का फैसला लिया है. ये टीम बिहार के सारण में जाएगी और जहरीली शराब से हो रही मौतों की जांच (NHRC decided to depute its own investigation team ) करेगी. बता दें कि सारण में 75 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सिवान में 4 लोगों की मौत हुई थी. बेगूसराय की बात करें तो वहां 2 लोग इस जहरीली शराब के शिकार बने. प्रशासन की ओर से अभी तक 67 मौतों की पुष्टि हुई है. ये सभी मौतें संदिग्ध कैमिकल पीने की वजह से हुई बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें- छपरा जहरीली शराबकांड पर दूसरी बड़ी कार्रवाई: इसुआपुर थाना के SHO, SI, चौकीदार और दफादार सस्पेंड

अबतक की गई कार्रवाई की मांगी थी NHRC ने रिपोर्टः आयोग ने बिहार में जहरीली शराब से मौत मामले में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों के निरीक्षण में पाया था कि अगर शराब से मौत की बात सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है. ऐसे में यह घटना बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी की बड़ी असफलता को दर्शाता है. बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी को नोटिस भी भेजा था.

  • National Human Rights Commission (NHRC) in the wake of media reports about more deaths in the Bihar Hooch tragedy spreading other districts, has decided to depute its own investigation team headed by one of its Members for on the spot enquiry: NHRC pic.twitter.com/uLQCmOdFDl

    — ANI (@ANI) December 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चार सप्ताह के अंदर सरकार से मांगी गई थी रिपोर्टः एनएचआरसी ने छपरा में शराब से मौत मामले में सरकार से अभी तक की गई हर एक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अब तक कितने लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, पुलिस या किसी और की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी, अगर पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है तो उसकी रिपोर्ट और यह भी बताने को कहा गया था कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से नोटिस जारी करने के चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.

दो थानों के एसएचओ पर गिरी चुकी है गाज: बिहार के छपरा में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) पीने की वजह से अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी घटना पर सारण एसपी संतोष कुमार ने संबंधित इसुआपुर थाना (Isuapur police station ) के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसुआपुर थाना के एसएचओ, दारोगा, चौकीदार और दफादार को सस्पेंड कर दिया गया है. छपरा जहरीली शराब कांड पर पुलिस अधीक्षक द्वारा ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था. जबकि इसी थाने के एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया. मरहौरा डीएसपी के खिलाफ भी उन्होंने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.

पटना: बिहार में जहरीली शराब कांड (Bihar Hooch tragedy ) पर एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में अपनी खुद की जांच टीम को मौके पर भेजने का फैसला लिया है. ये टीम बिहार के सारण में जाएगी और जहरीली शराब से हो रही मौतों की जांच (NHRC decided to depute its own investigation team ) करेगी. बता दें कि सारण में 75 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सिवान में 4 लोगों की मौत हुई थी. बेगूसराय की बात करें तो वहां 2 लोग इस जहरीली शराब के शिकार बने. प्रशासन की ओर से अभी तक 67 मौतों की पुष्टि हुई है. ये सभी मौतें संदिग्ध कैमिकल पीने की वजह से हुई बताई जा रही है.

ये भी पढ़ें- छपरा जहरीली शराबकांड पर दूसरी बड़ी कार्रवाई: इसुआपुर थाना के SHO, SI, चौकीदार और दफादार सस्पेंड

अबतक की गई कार्रवाई की मांगी थी NHRC ने रिपोर्टः आयोग ने बिहार में जहरीली शराब से मौत मामले में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों के निरीक्षण में पाया था कि अगर शराब से मौत की बात सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है. ऐसे में यह घटना बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी की बड़ी असफलता को दर्शाता है. बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी को नोटिस भी भेजा था.

  • National Human Rights Commission (NHRC) in the wake of media reports about more deaths in the Bihar Hooch tragedy spreading other districts, has decided to depute its own investigation team headed by one of its Members for on the spot enquiry: NHRC pic.twitter.com/uLQCmOdFDl

    — ANI (@ANI) December 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चार सप्ताह के अंदर सरकार से मांगी गई थी रिपोर्टः एनएचआरसी ने छपरा में शराब से मौत मामले में सरकार से अभी तक की गई हर एक कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने अब तक कितने लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, पुलिस या किसी और की ओर से इस मामले में दर्ज कराई गई प्राथमिकी, अगर पीड़ित परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा दिया गया है तो उसकी रिपोर्ट और यह भी बताने को कहा गया था कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से नोटिस जारी करने के चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है.

दो थानों के एसएचओ पर गिरी चुकी है गाज: बिहार के छपरा में जहरीली शराब (Bihar Hooch Tragedy) पीने की वजह से अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है. इतनी बड़ी घटना पर सारण एसपी संतोष कुमार ने संबंधित इसुआपुर थाना (Isuapur police station ) के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है. इसुआपुर थाना के एसएचओ, दारोगा, चौकीदार और दफादार को सस्पेंड कर दिया गया है. छपरा जहरीली शराब कांड पर पुलिस अधीक्षक द्वारा ये दूसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले मशरक के एसएचओ रितेश मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था. जबकि इसी थाने के एक चौकीदार को भी सस्पेंड किया गया. मरहौरा डीएसपी के खिलाफ भी उन्होंने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है.

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