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आठ पूर्व नौसैनिकों से जुड़े मामले में कतर की अदालत के फैसले पर गौर करने के बाद अगला कदम : भारत - Qatar court

Arindam Bagchi : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को लेकर कतर की कोर्ट के द्वारा दिए निर्णय पर कानूनी विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवादी हाफिज सईद को सौंपने का अनुरोध किया गया है. Qatar court

Foreign Ministry spokesperson Arindam Bagchi
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची
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By PTI

Published : Dec 29, 2023, 7:09 PM IST

Updated : Dec 29, 2023, 9:30 PM IST

नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों से संबंधित मामले में कतर की अदालत के फैसले पर गौर करने और इस विषय से जुड़ी कानूनी टीम के साथ चर्चा के बाद अगला कदम तय किया जाएगा. कतर की अपीलीय अदालत ने नौसेना के पूर्व कर्मियों को सुनायी गयी मौत की सजा को कम कर दिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, 'भारतीय और उनके परिवारों के सदस्यों का हित हमारी प्रमुख चिंता है.' उन्होंने कहा, 'हम कानूनी टीम और परिवारों के सदस्यों के साथ अगले संभावित कदमों के बारे में चर्चा करेंगे.' बागची ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है इसलिए वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे. उन्होंने कहा कि हम आपसे फिर से आग्रह करेंगे कि अटकलों में शामिल न हों. बागची ने दिल्ली में इज़राइल दूतावास के पास हुए विस्फोट पर कहा कि संबंधित एजेंसियां मामले को देख रही हैं. उन्हें अपनी जांच पूरी करने दीजिए.

  • #WATCH कतर अदालत द्वारा 8 भारतीय पूर्व नौसेना कर्मियों की मौत की सजा को कम करने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "सज़ाएं कम कर दी गई हैं लेकिन विस्तृत निर्णय देखने तक मेरे पास साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है। हम आपसे फिर से आग्रह करेंगे कि अटकलों… pic.twitter.com/Qy7hIo7EU0

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनायी थी. सभी भारतीय नागरिक दोहा स्थित 'दहारा ग्लोबल' कंपनी के कर्मचारी थे. उनके खिलाफ आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था. निजी कंपनी कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. भारत ने इस सजा के खिलाफ पिछले महीने कतर में अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

भारत ने पाकिस्तान से लश्कर संस्थापक हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से 2008 के मुंबई आतंकी हमलों समेत ऐसे अनेक मामलों में वांछित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा है. हाफिज सईद कई आतंकी मामलों में भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है. भारत ने सईद के बेटे तल्हा सईद के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी गौर किया और कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा में आना कोई नयी बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी राज्य नीति का हिस्सा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आतंकवादी के प्रत्यर्पण के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया. उन्होंने कहा, 'जिसका जिक्र हो रहा है, वह भारत में कई मामलों में वांछित है. उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवादी घोषित किया है. इस संबंध में, हमने प्रासंगिक जरूरी दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को उसे भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है ताकि एक खास मामले में वह मुकदमा का सामना कर सके.'

  • #WATCH | On extradition request to Pakistan to hand over 26/11 mastermind Hafiz Saeed, MEA Spokesperson Arindam Bagchi says, "The person in question is wanted in numerous cases in India. He is also a UN-proscribed terrorist. In this regard, we have conveyed a request along with… pic.twitter.com/L5K1EvmFdM

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने कुछ सप्ताह पहले अनुरोध सौंपा था. प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान को सईद की गतिविधियों के बारे में बताता रहा है और वह भारत में वांछित है. सईद के बेटे के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उस देश में 'कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में आना' कोई नयी बात नहीं है. बागची ने कहा, 'हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं. यह एक आंतरिक मामला है.' उन्होंने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आम तौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं.

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में चरमपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में शामिल होना कोई नयी बात नहीं है और लंबे समय से इसकी उसकी राज्य नीति का हिस्सा रहा है.' उन्होंने कहा, 'इस तरह के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. हम निश्चित रूप से उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखेंगे जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.'

ये भी पढ़ें - कनाडा से भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की उम्मीद: विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों से संबंधित मामले में कतर की अदालत के फैसले पर गौर करने और इस विषय से जुड़ी कानूनी टीम के साथ चर्चा के बाद अगला कदम तय किया जाएगा. कतर की अपीलीय अदालत ने नौसेना के पूर्व कर्मियों को सुनायी गयी मौत की सजा को कम कर दिया है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, 'भारतीय और उनके परिवारों के सदस्यों का हित हमारी प्रमुख चिंता है.' उन्होंने कहा, 'हम कानूनी टीम और परिवारों के सदस्यों के साथ अगले संभावित कदमों के बारे में चर्चा करेंगे.' बागची ने कहा कि यह संवेदनशील मामला है इसलिए वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे. उन्होंने कहा कि हम आपसे फिर से आग्रह करेंगे कि अटकलों में शामिल न हों. बागची ने दिल्ली में इज़राइल दूतावास के पास हुए विस्फोट पर कहा कि संबंधित एजेंसियां मामले को देख रही हैं. उन्हें अपनी जांच पूरी करने दीजिए.

  • #WATCH कतर अदालत द्वारा 8 भारतीय पूर्व नौसेना कर्मियों की मौत की सजा को कम करने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "सज़ाएं कम कर दी गई हैं लेकिन विस्तृत निर्णय देखने तक मेरे पास साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है। हम आपसे फिर से आग्रह करेंगे कि अटकलों… pic.twitter.com/Qy7hIo7EU0

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनायी थी. सभी भारतीय नागरिक दोहा स्थित 'दहारा ग्लोबल' कंपनी के कर्मचारी थे. उनके खिलाफ आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था. निजी कंपनी कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. भारत ने इस सजा के खिलाफ पिछले महीने कतर में अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

भारत ने पाकिस्तान से लश्कर संस्थापक हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा

अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से 2008 के मुंबई आतंकी हमलों समेत ऐसे अनेक मामलों में वांछित लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को प्रत्यर्पित करने को कहा है. हाफिज सईद कई आतंकी मामलों में भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा वांछित है. भारत ने सईद के बेटे तल्हा सईद के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों पर भी गौर किया और कहा कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा में आना कोई नयी बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी राज्य नीति का हिस्सा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आतंकवादी के प्रत्यर्पण के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया. उन्होंने कहा, 'जिसका जिक्र हो रहा है, वह भारत में कई मामलों में वांछित है. उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवादी घोषित किया है. इस संबंध में, हमने प्रासंगिक जरूरी दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को उसे भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है ताकि एक खास मामले में वह मुकदमा का सामना कर सके.'

  • #WATCH | On extradition request to Pakistan to hand over 26/11 mastermind Hafiz Saeed, MEA Spokesperson Arindam Bagchi says, "The person in question is wanted in numerous cases in India. He is also a UN-proscribed terrorist. In this regard, we have conveyed a request along with… pic.twitter.com/L5K1EvmFdM

    — ANI (@ANI) December 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने कुछ सप्ताह पहले अनुरोध सौंपा था. प्रवक्ता ने कहा कि भारत पाकिस्तान को सईद की गतिविधियों के बारे में बताता रहा है और वह भारत में वांछित है. सईद के बेटे के पाकिस्तान में चुनाव लड़ने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि उस देश में 'कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में आना' कोई नयी बात नहीं है. बागची ने कहा, 'हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं. यह एक आंतरिक मामला है.' उन्होंने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आम तौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं.

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में चरमपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में शामिल होना कोई नयी बात नहीं है और लंबे समय से इसकी उसकी राज्य नीति का हिस्सा रहा है.' उन्होंने कहा, 'इस तरह के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. हम निश्चित रूप से उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखेंगे जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है.'

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Last Updated : Dec 29, 2023, 9:30 PM IST
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