देहरादून: 2016 के चर्चित स्टिंग ऑपरेशन मामले में घिरे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और खानपुर विधायक (तत्कालीन पत्रकार) उमेश कुमार के वकील आज सीबीआई कोर्ट में पेश हुए. तीनों के अधिवक्ताओं ने इस मामले में आगे की तारीख देने का आग्रह किया, जिसके बाद सीबीआई कोर्ट ने 15 जुलाई को सभी नेताओं को बुलाया है, जिनको सीबीआई ने नोटिस जारी किए हैं. सीबीआई के स्पेशल जज धर्मेंद्र सिंह ने उन्हें 15 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है.
साल 2016 में मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमें वो कथित तौर पर विधायकों को कुछ लेने-देने की बात करते हुए दिखाई दे रहे थे. इसके बाद उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया था. आरोप लगा था कि यह स्टिंग ऑपरेशन उत्तराखंड की खानपुर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक और पूर्व पत्रकार उमेश कुमार ने किया था. इसी दौरान एक और स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और हरक सिंह रावत के शामिल होने का दावा किया गया था. इस स्टिंग के सामने आने के बाद देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामला काफी गर्माया गया था.
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मामला बढ़ने के बाद इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को दे दी गई थी. इस मामले में सीबीआई ने शिकायत दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की थी. हालांकि, सीबीआई इस मामले में काफी समय से शांत थी लेकिन अचानक एक हफ्ते पहले ही तमाम नेताओं को नोटिस थमा गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक मदन बिष्ट, उमेश शर्मा को कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 7 जुलाई यानी आज पेश होने के लिए कहा था, लेकिन अधिवक्ताओं ने 15 जुलाई की अगली तारीख का आग्रह किया.
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इस आग्रह को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 15 जुलाई को तमाम नेताओं को बुलाया है. बताया जा रहा है कि सीबीआई तमाम नेताओं के वॉयस सैंपल के साथ-साथ उनसे पूछताछ भी करेगी. हालांकि, तमाम नेता यह बात पहले ही कह चुके हैं कि सीबीआई राजनीति से प्रेरित होकर लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह की कार्रवाई कर रही है.