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किसान-सरकार वार्ता : किसान नेता बोले- सकारात्मक रही बैठक

कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने आज सरकार से वार्ता की. यह वार्ता सकारात्मक रही, जिसमें सरकार ने किसानों के दो मांगों को मान लिया. अगली बैठक 4 जनवरी को होगी. पढ़ें विस्तार से...

अभिमन्यु कोहा
अभिमन्यु कोहा
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Published : Dec 30, 2020, 11:07 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 10:48 AM IST

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठनों और सरकार के बीच आज की वार्ता सकारात्मक रही. सरकार ने किसान संगठनों के दो मांगों को मान लिया है. पराली जलाने पर भारी जुर्माने और सजा के प्रावधान में संशोधन के लिए सरकार मान गई है, वहीं बिजली संशोधन विधेयक 2020 पर भी विचार करने के लिए आश्वासन दिया है.

बैठक के बाद आज किसान नेता जब बाहर निकले, तो उन्होंने आज की बैठक को सकारात्मक बताया. राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहार भी सरकार से वार्ता करने गए प्रतिनिधिमंडल में मौजूद थे.

अभिमन्यु कोहार ने कहा सकारात्मक रही बैठक.

ईटीवी भारत से बातचीत में अभिमन्यु ने बताया कि सरकार ने उनकी दो मांगें मान ली है और अगली बैठक चार जनवरी को तय हुई है. चूंकि यह बैठक सकारात्मक रही है इसलिये संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 दिसंबर को प्रायोजित ट्रैक्टर रैली को 4 जनवरी तक के लिये स्थगित कर दिया है.

शिवकुमार कक्काजी की प्रतिक्रिया

पढ़ें- किसान आंदोलन : दो मुद्दों पर बनी सहमति, चार जनवरी को अगली बैठक

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज की बैठक सकारात्मक जरूर रही, लेकिन मुख्य मुद्दों पर आज भी कोई नतीजा नहीं निकल सका. सरकार ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी के लिए कानून बनाने पर किसानों को अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया है. अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान ने बैठक के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आज वार्ता का माहौल सकारात्मक रहा.

मुख्य मुद्दों पर आज भी कोई नतीजा नहीं निकला.

सरकार ने किसान संगठनों की दो मांगों पर सहमति जताई है, लेकिन दो अन्य प्रमुख मांगों पर अभी तक पेंच फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगें अभी भी स्पष्ट हैं. तीन कृषि कानूनों को रद्द किये बिना किसान नहीं मानेंगे.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी से बातचीत

हालांकि, किसान संगठनों की दो प्रमुख मांगों पर सरकार ने अभी तक हामी नहीं भरी है. आज की बैठक में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी के साथ खरीद करने के लिये कानून बनाने पर लंबी चर्चा हुई, लेकिन दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके. अब 2 जनवरी को किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें वह आगे की रूप रेखा तय करेंगे और 4 जनवरी को एक बार फिर केंद्रीय मंत्रियों के साथ चर्चा पर बैठेंगे.

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठनों और सरकार के बीच आज की वार्ता सकारात्मक रही. सरकार ने किसान संगठनों के दो मांगों को मान लिया है. पराली जलाने पर भारी जुर्माने और सजा के प्रावधान में संशोधन के लिए सरकार मान गई है, वहीं बिजली संशोधन विधेयक 2020 पर भी विचार करने के लिए आश्वासन दिया है.

बैठक के बाद आज किसान नेता जब बाहर निकले, तो उन्होंने आज की बैठक को सकारात्मक बताया. राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहार भी सरकार से वार्ता करने गए प्रतिनिधिमंडल में मौजूद थे.

अभिमन्यु कोहार ने कहा सकारात्मक रही बैठक.

ईटीवी भारत से बातचीत में अभिमन्यु ने बताया कि सरकार ने उनकी दो मांगें मान ली है और अगली बैठक चार जनवरी को तय हुई है. चूंकि यह बैठक सकारात्मक रही है इसलिये संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 दिसंबर को प्रायोजित ट्रैक्टर रैली को 4 जनवरी तक के लिये स्थगित कर दिया है.

शिवकुमार कक्काजी की प्रतिक्रिया

पढ़ें- किसान आंदोलन : दो मुद्दों पर बनी सहमति, चार जनवरी को अगली बैठक

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज की बैठक सकारात्मक जरूर रही, लेकिन मुख्य मुद्दों पर आज भी कोई नतीजा नहीं निकल सका. सरकार ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी के लिए कानून बनाने पर किसानों को अभी तक कोई आश्वासन नहीं दिया है. अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान ने बैठक के बाद ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आज वार्ता का माहौल सकारात्मक रहा.

मुख्य मुद्दों पर आज भी कोई नतीजा नहीं निकला.

सरकार ने किसान संगठनों की दो मांगों पर सहमति जताई है, लेकिन दो अन्य प्रमुख मांगों पर अभी तक पेंच फंसा हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगें अभी भी स्पष्ट हैं. तीन कृषि कानूनों को रद्द किये बिना किसान नहीं मानेंगे.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी से बातचीत

हालांकि, किसान संगठनों की दो प्रमुख मांगों पर सरकार ने अभी तक हामी नहीं भरी है. आज की बैठक में तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी के साथ खरीद करने के लिये कानून बनाने पर लंबी चर्चा हुई, लेकिन दोनों पक्ष किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके. अब 2 जनवरी को किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें वह आगे की रूप रेखा तय करेंगे और 4 जनवरी को एक बार फिर केंद्रीय मंत्रियों के साथ चर्चा पर बैठेंगे.

Last Updated : Dec 31, 2020, 10:48 AM IST
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