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ED Action On Newsclick: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की छापेमारी पर न्यूजक्लिक ने जारी किया बयान, कहा- इसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा - ED Action On Newsclick

Newsclick issued statement on ED's action: न्यूजक्लिक वेबसाइट के कार्यालय व कर्मचारियों के आवास पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद न्यूजक्लिक ने बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है कि इस कार्रवाई के पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा है, जो दिल्ली दंगों, किसानों के विरोध प्रदर्शन आदि पर रिपोर्ट के संबंध में की गई है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 4, 2023, 6:31 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में मंगलवार को न्यूजक्लिक वेबसाइट के ऑफिस व उसके पत्रकारों के घर पर छापेमारी की गई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंतत: न्यूजक्लिक के ऑफिस को सील कर दिया. साथ ही वेबसाइट के को-फाउंडर कबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार भी किया गया, जिसके बाद कबीर पुरकायस्थ सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. अब वेबसाइट की तरफ से इस मामले पर बयान जारी किया गया है.

नहीं दी गई एफआईआर की कॉपी: बयान में कहा गया कि तीन अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा न्यूजक्लिक के कार्यालय, पत्रकारों के आवास और कर्मचारियों के आवास सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई. साथ ही हमारे निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया और हमें कोई सूचना नहीं दी गई. मामले में स्पेशल की तरफ से एफआईआर कॉपी तक नहीं दी गई. और तो और कार्यालय और कर्मचारियों के घर से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर हमारे रिपोर्टिंग के प्रयास को रोकने के लिए कार्यालय को भी सील कर दिया गया.

की कड़ी निंदा: आगे कहा गया कि एकत्र की गई जानकारी के मुताबिक न्यूजक्लिक पर कथित तौर पर चीनी प्रचार करने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के रोप लगाया गया है. हम सरकार के ऐसे कार्यों की कड़ी निंदा करते हैं, जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता का सम्मान करने से इनकार करती है और आलोचना को देशद्रोह या 'राष्ट्र-विरोधी' प्रचार मानती है.

न्यूजक्लिक को 2021 से भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई कई कार्रवाई की एक श्रृंखला द्वारा लक्षित किया गया है, जिसके तहत कार्यालयों व कर्मचारियों के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग द्वारा छापे मारकर लैपटॉप, फोन आदि जब्त किए गए हैं.

शिकायत दर्ज नहीं कर पाया ईडी: साथ ही लिखा गया कि पिछले कई वर्षों में न्यूजक्लिक को प्राप्त सभी बैंक विवरण, चालान, किए गए खर्च, धन के स्रोतों की समय-समय पर सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच की गई है. विभिन्न निदेशकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों ने कई अवसरों पर इन सरकारी एजेंसियों द्वारा पूछताछ में अनगिनत घंटे बिताए हैं. फिर भी प्रवर्तन निदेशालय, पिछले दो से अधिक वर्षों में न्यूजक्लिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज नहीं कर पाया है.

निडर आवाजों को दबाया जाता है: वहीं, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा, भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए न्यूजक्लिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं कर पाई है. और तो और आयकर विभाग भी अदालत के समक्ष अपने कार्यों का बचाव करने में सक्षम नहीं है. पिछले कई महीनों में प्रबीर पुरकायस्थ को इनमें से किसी भी एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया गया. फिर भी एक ऐसी सरकार जो अपनी सारी जानकारी, दस्तावेज और संचार के कब्जे में होने के बावजूद न्यूजक्लिक के खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने में सक्षम नहीं है. उन्हें कठोर यूएपीए एक्ट को लागू करने और कर्मचारियों को जेल में बंद करने का प्रयास करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक प्रेरित और फर्जी लेख की आवश्यकता थी और उन स्वतंत्र और निडर आवाजों को दबा दिया जाता है जो वास्तविक भारत की कहानी पेश करते हैं.

चीनी प्रचार-प्रसार नहीं करता न्यूक्लिक: इसके अलावा सफाई दी गई कि न्यूजक्लिक एक स्वतंत्र समाचार वेबसाइट है. हमारी पत्रकारिता सामग्री पेशे के उच्चतम मानकों पर आधारित है. न्यूजक्लिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी चीनी इकाई या प्राधिकरण के आदेश पर कोई समाचार या जानकारी प्रकाशित नहीं करता है और वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री के संबंध में नेविल रॉय सिंघम से निर्देश नहीं लेता है. वेबसाइट को प्राप्त सभी फंडिंग उपयुक्त बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है और कानून द्वारा अपेक्षित संबंधित अधिकारियों को भी सूचित किया गया है.

न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा: वेबसाइट पर अब तक प्रकाशित सभी पत्रकारिता सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है, जिसे कोई भी देख सकता है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक भी लेख या वीडियो का जिक्र नहीं किया है, जिसे वे चीनी प्रचार मानते हैं. दिल्ली नीति के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा अपनाई गई पूछताछ की शैली, दिल्ली दंगों, किसानों के विरोध प्रदर्शन आदि पर रिपोर्ट के संबंध में, सभी वर्तमान कार्रवाई के पीछे प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण मंशा को प्रदर्शित करते हैं. हमें न्यायालयों और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. हम भारत के संविधान के अनुसार अपनी पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अपने जीवन के लिए लड़ेंगे.

यह भी पढ़ें-NewsClick Editor police remand: न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ 7 दिन की पुलिस रिमांड पर

यह भी पढ़ें-ED Raids On Sanjay Singh Residence: AAP ने मोदी सरकार को घेरा, कहा- BJP हारने वाली है चुनाव, इसलिए करा रही छापेमारी

नई दिल्ली: राजधानी में मंगलवार को न्यूजक्लिक वेबसाइट के ऑफिस व उसके पत्रकारों के घर पर छापेमारी की गई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंतत: न्यूजक्लिक के ऑफिस को सील कर दिया. साथ ही वेबसाइट के को-फाउंडर कबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार भी किया गया, जिसके बाद कबीर पुरकायस्थ सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. अब वेबसाइट की तरफ से इस मामले पर बयान जारी किया गया है.

नहीं दी गई एफआईआर की कॉपी: बयान में कहा गया कि तीन अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा न्यूजक्लिक के कार्यालय, पत्रकारों के आवास और कर्मचारियों के आवास सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई. साथ ही हमारे निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया और हमें कोई सूचना नहीं दी गई. मामले में स्पेशल की तरफ से एफआईआर कॉपी तक नहीं दी गई. और तो और कार्यालय और कर्मचारियों के घर से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर हमारे रिपोर्टिंग के प्रयास को रोकने के लिए कार्यालय को भी सील कर दिया गया.

की कड़ी निंदा: आगे कहा गया कि एकत्र की गई जानकारी के मुताबिक न्यूजक्लिक पर कथित तौर पर चीनी प्रचार करने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के रोप लगाया गया है. हम सरकार के ऐसे कार्यों की कड़ी निंदा करते हैं, जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता का सम्मान करने से इनकार करती है और आलोचना को देशद्रोह या 'राष्ट्र-विरोधी' प्रचार मानती है.

न्यूजक्लिक को 2021 से भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई कई कार्रवाई की एक श्रृंखला द्वारा लक्षित किया गया है, जिसके तहत कार्यालयों व कर्मचारियों के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग द्वारा छापे मारकर लैपटॉप, फोन आदि जब्त किए गए हैं.

शिकायत दर्ज नहीं कर पाया ईडी: साथ ही लिखा गया कि पिछले कई वर्षों में न्यूजक्लिक को प्राप्त सभी बैंक विवरण, चालान, किए गए खर्च, धन के स्रोतों की समय-समय पर सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच की गई है. विभिन्न निदेशकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों ने कई अवसरों पर इन सरकारी एजेंसियों द्वारा पूछताछ में अनगिनत घंटे बिताए हैं. फिर भी प्रवर्तन निदेशालय, पिछले दो से अधिक वर्षों में न्यूजक्लिक पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज नहीं कर पाया है.

निडर आवाजों को दबाया जाता है: वहीं, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा, भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध के लिए न्यूजक्लिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर नहीं कर पाई है. और तो और आयकर विभाग भी अदालत के समक्ष अपने कार्यों का बचाव करने में सक्षम नहीं है. पिछले कई महीनों में प्रबीर पुरकायस्थ को इनमें से किसी भी एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए भी नहीं बुलाया गया. फिर भी एक ऐसी सरकार जो अपनी सारी जानकारी, दस्तावेज और संचार के कब्जे में होने के बावजूद न्यूजक्लिक के खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने में सक्षम नहीं है. उन्हें कठोर यूएपीए एक्ट को लागू करने और कर्मचारियों को जेल में बंद करने का प्रयास करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक प्रेरित और फर्जी लेख की आवश्यकता थी और उन स्वतंत्र और निडर आवाजों को दबा दिया जाता है जो वास्तविक भारत की कहानी पेश करते हैं.

चीनी प्रचार-प्रसार नहीं करता न्यूक्लिक: इसके अलावा सफाई दी गई कि न्यूजक्लिक एक स्वतंत्र समाचार वेबसाइट है. हमारी पत्रकारिता सामग्री पेशे के उच्चतम मानकों पर आधारित है. न्यूजक्लिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी चीनी इकाई या प्राधिकरण के आदेश पर कोई समाचार या जानकारी प्रकाशित नहीं करता है और वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री के संबंध में नेविल रॉय सिंघम से निर्देश नहीं लेता है. वेबसाइट को प्राप्त सभी फंडिंग उपयुक्त बैंकिंग चैनलों के माध्यम से की गई है और कानून द्वारा अपेक्षित संबंधित अधिकारियों को भी सूचित किया गया है.

न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा: वेबसाइट पर अब तक प्रकाशित सभी पत्रकारिता सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध है, जिसे कोई भी देख सकता है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक भी लेख या वीडियो का जिक्र नहीं किया है, जिसे वे चीनी प्रचार मानते हैं. दिल्ली नीति के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा अपनाई गई पूछताछ की शैली, दिल्ली दंगों, किसानों के विरोध प्रदर्शन आदि पर रिपोर्ट के संबंध में, सभी वर्तमान कार्रवाई के पीछे प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण मंशा को प्रदर्शित करते हैं. हमें न्यायालयों और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. हम भारत के संविधान के अनुसार अपनी पत्रकारिता की स्वतंत्रता और अपने जीवन के लिए लड़ेंगे.

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