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New Tax in MP: अब गांव से होगी टैक्स की वसूली, जानिए क्या है राज्य सरकार की मजबूरी

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) में नव निर्वाचित प्रतिनिधि 7 साल बाद चुनकर आए हैं. इन प्रतिनिधियों को पंचायतों के राजस्व को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. (mp market tax) पंचायतों में अलग-अलग टैक्स के माध्यम से सरकार राजस्व बढ़ाने में जुटी है. (villages Government Issued Instructions collectors) राज्य सरकार अब पंचायतों से टैक्स वसूलने का निर्णय लिया है. (New Tax in MP)

New Tax in MP,  villages Government tax
एमपी में पंचायतों से टैक्स वसूली, राजस्व बढाने में जुटी सरकार
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Published : Jul 6, 2022, 1:32 PM IST

भोपाल। 7 साल बाद चुनकर आने वाले पंचायतों के नव निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural Development Department) भरपूर राजस्व की व्यवस्थाओं (Revenue Systems) को जुटा रहा है, इसके लिए गांवों में भी अब सरकार प्रॉपर्टी टैक्स (MP Property tax) वसूलेगी. इसमें 6 हजार रुपए से अधिक कीमत की संपत्ति से संपत्ति कर वसूला जाएगा. इसके अलावा पंचायतों में शहरों की तर्ज पर जल कर, यहां लगने वाले मेला, तहबाजारी वसूला जाएगा. इसके अलावा गांवों में बाजार फीस नाम से एक नया टैक्स भी लगाया जाएगा, इस कवायद के पीछे सरकार की मंशा पंचायतों की आय बढ़ाना है. (New Tax in MP)

गांवों में होगी वसूली: टैक्स वसूली को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों को पंचायतों के माध्यम से इसमें संचालित होने वाले हट बाजार, दुकानों, मॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स सहित तमाम व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार ऐसी संपत्ति से टैक्स वसूलेगी जिसकी कीमत 6 हजार रुपए से ज्यादा होगी. इसके तहत पंचायत क्षेत्र में आने वाली निजी, आवासीय एवं व्यवसायिक संपत्तियों के अलावा निगम, मंडल, बोर्ड, प्राधिकरण, विद्युत विरण कपंनी सहित अन्य की संपत्तियों से भी टैक्स वसूला जाएगा, कलेक्टरों को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं. टैक्स का निर्धारण ग्राम पंचायत स्तर पर होगा, पंचायतों को टैक्स वसूली का पूरा डाटा ऑनलाइन रखना होगा.

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यह टैक्स वसूलेगी पंचायत: ग्रामीण इलाकों में सरकार संपत्ति कर के अलावा जल कर, स्ट्रेट लाइन कर, मेला-बाजार टैक्स वसूला जाएगा. ग्रामीण इलाकों में लगने वाले हॉट बाजारों में तहबाजारी भी शुरू की जा रही है, पंचायतों के गठन के बाद इसमें और तेजी आएगी. ग्रामीण इलाकों में जिन मकान मालिकों के खाते नहीं खुले हैं, उनके खाते खोले जाएंगे, जिससे उनसे टैक्स वसूल किया जा सके. ग्रामीण इलाकों में भी भवन अनुज्ञा को अनिवार्य किया गया है, अब इसमें सख्ती और लाई जाएगी. खासतौर से उन गांवों में जो शहरों से सटे हुए हैं और यहां तेजी से निर्माण हो रहा है. ऐसे इलाकों में अव्यवस्थित विकास न हो इसको लेकर भवन अनुज्ञा को अनिवार्य किया गया है, ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता (cleanliness in rural areas) और पीने के पानी पर भी टैक्स वसूलना शुरू कर दिया जाएगा.

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आमदानी बढ़ाने पर जोर: आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकार पंचायतों के जरिए आय बढ़ाने के नए रास्ते खोज रही है. राज्य सरकार ने इसके लिए पंचायतों का रास्ता चुना है, जिससे पंचायतों के जरिए राजस्व की व्यवस्था हो सके और सरकार को भी राहत मिल सके.

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गांवों में होगी वसूली: टैक्स वसूली को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों को पंचायतों के माध्यम से इसमें संचालित होने वाले हट बाजार, दुकानों, मॉल, शॉपिंग कॉम्पलेक्स सहित तमाम व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं. राज्य सरकार ऐसी संपत्ति से टैक्स वसूलेगी जिसकी कीमत 6 हजार रुपए से ज्यादा होगी. इसके तहत पंचायत क्षेत्र में आने वाली निजी, आवासीय एवं व्यवसायिक संपत्तियों के अलावा निगम, मंडल, बोर्ड, प्राधिकरण, विद्युत विरण कपंनी सहित अन्य की संपत्तियों से भी टैक्स वसूला जाएगा, कलेक्टरों को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं. टैक्स का निर्धारण ग्राम पंचायत स्तर पर होगा, पंचायतों को टैक्स वसूली का पूरा डाटा ऑनलाइन रखना होगा.

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