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TDS/TCS वसूली के लिए आईटी विभाग ने तैयार की नई व्यवस्था - TDS/TCS collection

आयकर विभाग टीडीएस/टीसीएस वसूली के लिए एक जुलाई से नई व्यवस्था अपनाने जा रहा है. इसके तहत उन व्यक्तियों की पहचान की जाएगी जिनसे टीडीएस/टीसीएस ऊंची दर से वसूला जाएगा. इनमें वह लोग भी शामिल होंगे जिन्होंने दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरा है.

आयकर विभाग
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Published : Jun 22, 2021, 8:12 AM IST

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि उसने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) संग्रह करने वालों के लिए उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद की नई व्यवस्था विकसित की है, जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से कर वसूला जाएगा.

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में यह प्रावधान किया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है.

क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को परिपत्र जारी कर रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी किया.

आयकर विभाग ने ट्विट पर लिखा है, 'धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गई है. इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिए अनुपालन बोझ कम होगा.'

सीबीडीटी ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इस पर उचित ध्यान और कार्य करने की आवश्यकता होगी, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है.

पढ़ें- सरकार ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड में किए तीन नए सदस्य नियुक्त

बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था - 'धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच' - उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगा. नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जाएगा कि वह 'विशिष्ट व्यक्ति' है अथवा नहीं.

लिस्ट में रिटर्न दाखिल न करने वालों के नाम

आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में 'विशिष्ट व्यक्तियों' की सूची तैयार कर ली है. यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है. इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : आयकर विभाग ने सोमवार को कहा कि उसने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) संग्रह करने वालों के लिए उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद की नई व्यवस्था विकसित की है, जिन पर एक जुलाई से ऊंची दर से कर वसूला जाएगा.

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में यह प्रावधान किया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है.

क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को परिपत्र जारी कर रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर परिपत्र जारी किया.

आयकर विभाग ने ट्विट पर लिखा है, 'धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गई है. इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिए अनुपालन बोझ कम होगा.'

सीबीडीटी ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इस पर उचित ध्यान और कार्य करने की आवश्यकता होगी, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है.

पढ़ें- सरकार ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड में किए तीन नए सदस्य नियुक्त

बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था - 'धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच' - उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगा. नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जाएगा कि वह 'विशिष्ट व्यक्ति' है अथवा नहीं.

लिस्ट में रिटर्न दाखिल न करने वालों के नाम

आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में 'विशिष्ट व्यक्तियों' की सूची तैयार कर ली है. यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है. इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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