लखनऊ : अयोध्या जिला प्रशासन ने नवंबर-दिसंबर महीने में होने वाले शादी-विवाह और मांगलिक आयोजन के लिए कड़ी शर्त रखी है. जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के मुताबिक, कोविड के खतरे के मद्देनजर प्रोटोकॉल का पालन करने के बाद ही आयोजन की अनुमति मिलेगी. जिलाधिकारी ने प्रशासन के सभी अधिकारियों को समारोहों में प्रोटोकॉल का पालन कराने का निर्देश दिया है.
शादी समारोह के लिए नियम और शर्तें
- थर्मल स्कैनिंग के बाद मेहमानों को मिलेगा शादी पांडाल में प्रवेश.
- शादी आयोजन में सम्मिलत व्यक्तियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
- समारोह स्थल पर सोशल डिस्टेसिंग, थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी होगी.
- बड़े आयोजन में 200 मास्क पहनने वाले मेहमान ही शामिल हो सकेंगे.
- पंडाल में मेहमानों के लिए एंट्री और एग्जिट गेट अलग से बनाना होगा.
- खान-पान के लिए डिस्पोजल कप व गिलास की व्यवस्था रखनी होगी.
- आयोजन से पहले खाने पीने की व्यवस्था में लगे कर्मचारियों को कोरोना टेस्ट कराना होगा.
- एसी वाले समारोह स्थल में क्रॉस वेंटिलेशन की व्यवस्था अनिवार्य होगी.
- दरवाजे के हैंडल, लिफ्ट के बटन, सीट, बेंच, वॉशरूम की टोटी एवं वॉश बेसिन की सफाई करनी होगी और बार-बार सैनिटाइज करना होगा.
- मास्क और डिस्पोजल को सही तरीके से डिस्पोज करने की व्यवस्था करनी होगी.
रखना होगा मेहमानों का रिकॉर्ड
कंटेनमेंट जोन में किसी प्रकार के आयोजन की अनुमति नहीं होगी. कार्यक्रम स्थल होटल, रेस्टोरेन्ट, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला, मैरिज लॉन एवं मंदिर परिसर आदि में चिकित्सीय सुविधाएं रखनी होगी. मेजबान को सभी मेहमान का नाम, पता, मोबाइल नंबर और आधार कार्ड आदि रजिस्टर में लिखना होगा. इस रजिस्टर को जांच के लिए कभी भी मांगा जा सकता है. कोई भी वैवाहिक कार्यक्रम सड़कों एवं अन्य सार्वजनिक स्थल पर नहीं किए जाएंगे. सभी रस्में परिसरों के अंदर ही करनी होगी. सड़कों पर कोई रस्म अदायगी जैसे घुड़चढ़ी आदि नहीं की जाएगी.
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आयोजन के लिए मैजिस्ट्रेट से लेनी होगी अनुमति
शादी विवाह के आयोजन के लिए क्षेत्रीय मैजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करनी अनिवार्य होगी. डीजे और बैंड बाजा बजाने से पहले न्यायालयों की ओर से जारी आदेश का पालन करना होगा. इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोविड-19 अधिनियम सहित अन्य संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.