नई दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को OTT प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. नए दिशानिर्दोशों के तहत OTT प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र होगा. इस बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म के लिए त्रि-स्तरीय तंत्र होगा. OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को अपने बारे में जानकारी देनी होगी, एक शिकायत निवारण तंत्र होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सेल्फ रेगुलेशन होनी चाहिए, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का सेवानिवृत्त जज करेगा या इस श्रेणी का कोई प्रख्यात व्यक्ति करेगा.एक ओवरसाइड तंत्र भी होगा.
केंद्रीयमंत्री ने कहा कि ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा.
बिंदुवार तरीके समझें दिशानिर्देश:-
ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्मों और डिजिटल मीडिया के लिए त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र होगा.
ऑनलाइन समाचार, ओटीटी प्लेटफॉर्मों और डिजिटल मीडिया द्वारा आचार संहिता के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा.
ऑनलाइन समाचार प्रकाशक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के नॉर्म्स ऑफ जर्नलिस्टिक कंडक्ट को फॉलो करेंगे और केबल टेलीविजन नेटवर्क प्रोग्राम कोड विनियमन अधिनियम के तहत होंगे.
कंटेट का स्व-वर्गीकरण
कंटेट को पांच भागों में बांटा जाएगा
यू (यूनिवर्सल)
यू/ए 7+
यू/ए 13+ (पेरेंटल लॉक लागू होगा)
यू/ए 16+ (पेरेंटल लॉक लागू होगा)
ए (एडल्ट) (पेरेंटल लॉक लागू होने के साथ आयु सत्यापन करना होगा)
त्रि-स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र
पहला स्तर - पब्लिशर द्वारा सेल्फ रेग्यूलेशन (भारत में पब्लिशर को शिकायत के लिए निवारण अधिकारी नियुक्त करना होगा - यह शिकायतों के निवारण के लिए जिम्मेदार होगा और 15 दिनों के भीतर शिकायतों पर निर्णय).
दूसरा स्तर- पब्लिशर्स की सेल्फ रेग्यूलेशन बॉडी द्वारा सेल्फ रेग्यूलेशन (एक या उससे अधिक सेल्फ रेग्यूलेटरी बॉडी, जिसमें हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज और देश की नामी हिस्तियों को शामिल किया जाएगा. इस बॉडी को सरकार द्वारा रजिस्ट्र किया जाएगा).
तीसरा स्तर - ओवरसाइट मैकेनिज्म (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ओवरसाइट मैकेनिज्म तैयार करेगा. इसमें सेल्फ रेग्यूलेशन बॉडी के लिए चार्टर, शिकायतों के लिए अंतर-विभागीय समिति होगी)