नई दिल्ली: बेबी अरिहा के मुद्दे को उठाने के विपक्ष के आह्वान के बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार ने जर्मनी में 2 वर्षीय बच्चे की देखभाल की स्थिति के मामले पर जर्मन राजदूत को तलब किया. नई दिल्ली में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'कम से कम हम मानते हैं कि एक भारतीय के रूप में इस बच्चे के सांस्कृतिक अधिकारों का उसे जर्मन पालन-पोषण देखभाल में रखे जाने से उल्लंघन हो रहा है.'
'भारत में जर्मन राजदूत को इस सप्ताह बुलाया गया था और हमारी चिंताओं से उन्हें स्पष्ट रूप से अवगत कराया गया था. हमने बच्चे की जल्द भारत वापसी के लिए भी कहा है और हम इस मामले पर जर्मन अधिकारियों पर दबाव बनाना जारी रखेंगे.' इससे एक दिन पहले अरिहा की मां धारा शाह ने संसद सदस्यों से मुलाकात कर मदद की अपील की थी और सरकार से अरिहा को भारत में स्थानांतरित करने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया. जहां उसे एक भारतीय के रूप में और अपने समुदाय के बीच पाला जा सके.
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घटनाक्रम से परिचित सूत्रों के अनुसार, जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन को इस सप्ताह विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने अरिहा के मामले में लेटेस्ट अपडेट के बारे में चर्चा करने के लिए बुलाया है. रिपोर्टों के अनुसार 13 जून को एक आदेश में बर्लिन की एक अदालत ने कहा कि बेबी अरिहा जो उस समय 8 महीने की थी, उसे अपने माता-पिता धारा और भावेश शाह की देखभाल के दौरान गंभीर चोटें लगीं, इस आरोप से उन्होंने इनकार किया है. अदालत ने भारत में बेबी को रखने वाले परिवार के साथ रहने के लिए भारत लौटने की उसकी याचिका भी खारिज कर दी.