मुंबई : महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक गुरुवार को चांदीवाल आयोग के सामने पेश हुए. मलिक ने कहा कि उन्होंने आयोग की कार्यवाही को लेकर कभी कोई बयान नहीं दिया. आयोग राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहा है.
आयोग ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक को समन किया था. मामले में बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने एक बयान दर्ज कराया था. इसमें मलिक के हवाले से कहा गया था कि 'एंटीलिया' बम प्रकरण में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह और वाजे की भूमिका थी. वाजे ने आयोग से कहा कि इस तरह के बयान उनकी छवि खराब कर रहे हैं.
मलिक गुरुवार को आयोग के सामने पेश हुए और जांच आयोग से कहा कि वह इसकी कार्यवाही का सम्मान करते हैं. मंत्री ने कहा, 'मैंने आयोग की कार्यवाही के संबंध में कभी कोई बयान नहीं दिया और भविष्य में भी कभी ऐसा नहीं करूंगा.'
उन्होंने अपने वकील मुबीन सोलकर के माध्यम से भी जांच आयोग के समक्ष एक जवाब दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने कभी भी आयोग से संबंधित कोई बयान नहीं दिया और इस तरह की 'धारणा काफी भ्रामक' है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मलिक के खिलाफ जारी समन को निरस्त कर दिया.
पिछले साल फरवरी में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास एक एसयूवी खड़ी मिली थी, जिसमें विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी. उस वक्त परमबीर सिंह मुंबई के पुलिस आयुक्त थे.
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(पीटीआई-भाषा)