नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को लेकर लड़ाई छेड़ दी है, और आने वाले पश्चिम बंगाल के चुनाव में यह एक प्रमुख मुद्दा बनने जा रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार ने जोर-शोर से नेता जी की 125वीं जन्म शताब्दी समारोह को पूरे साल मनाने का निर्णय लिया है उस पर कहीं ना कहीं राज्य सरकार भाजपा से पिछड़ती नजर आ रही है ,और इस बात को लेकर टीएमसी में घबराहट भी है.
यही वजह है की हाल ही में ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से नेताजी से संबंधित सारी फाइलों को पब्लिक डोमेन में लाने की मांग की और नेताजी सुभाषचंद्र बोस से जुड़ी कई और मांगे टीएमसी की तरफ से की गई थी, मगर इस मामले पर बड़ा दांव खेलते हुए केंद्र सरकार ने एक कमेटी ही तैयार कर दी है, जिसमें खुद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तमाम नामी-गिरामी लोगों को शामिल किया है.
इस संबंध में ईटीवी भारत ने जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद और नेता जी के जन्म समारोह के लिए बनाई गई पीएमओ द्वारा कमेटी में शामिल जगन्नाथ सरकार से बात की, तो उन्होंने बताया कि नेताजी हमेशा से भारतीय जनता पार्टी के लिए एक राष्ट्र गौरव की बात रहे हैं.
सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा कि नेताजी ना सिर्फ बंगाली अस्मिता के गौरव रहे हैं, बल्कि वह पूरे राष्ट्र के लिए गौरव के एक बड़े प्रतीक है और यह बात भारतीय जनता पार्टी तब से कह रही है जब से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भी नहीं थी.
उन्होंने कहा कि 2014 में जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है, तब से हमारी सरकार ने नेताजी के स्मृति चिन्ह या फिर उनसे जुड़ीं फाइलों को डी क्लासिफाई करने, उनके संग्रहालयओं को स्थापित करने या उनसे जुड़े जितने भी कार्य किए हैं शायद ही अभी तक स्वतंत्रता संग्राम या आजादी के बाद किसी भी सरकार ने किए होंगे.
इसीलिए ममता बनर्जी चाहे कुछ भी कहें जनता को यह मालूम है कि नेताजी की अस्मिता को लेकर केंद्र की सरकार हमेशा से गौरवान्वित महसूस करती है और उन्हें राष्ट्र का गौरव मानती है और इस दिशा में काफी पहले से हमारी सरकार कार्य कर रही है.
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही बंगाली अस्मिता को आगे बढ़ाने के साथ-साथ इसका पूरी तरह से फायदा उठाने की कोशिश कर रही हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए जहां नेताजी बाकी स्वतंत्रता सेनानियों की तरह एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी हैं, जिन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने का फैसला करने को मजबूर किया और ब्रिटिश सेना के खिलाफ राष्ट्रीय सेना का गठन किया था.
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वहीं टीएमसी के लिए नेताजी, बंगाल के महान नायक हैं, जो बंगाली अस्मिता का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसीलिए टीएमसी लगातार नेता जी के जन्मदिवस पर सार्वजनिक अवकाश की भी मांग करती रही है.
भारतीय जनता पार्टी के लिए नेताजी की विरासत को फिर से स्थापित करना सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है और पार्टी इसके लिए नेहरू और गांधी परिवार पर दोषारोपण करती आई है.