खंडवा। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 6 महीने से भी कम समय बचा है. चुनाव में जीत हासिल करने के लिए विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष के नेता जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. जनता के बीच जाकर सरकार की उपलब्धियां और विकास कार्य गिना रहे हैं, जबकि हकीकत इससे जुदा है. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो आए दिन अलग-अलग जिलों से कभी एंबुलेंस न मिलने की तो कभी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं न होने तो कभी अस्पताल में डॉक्टर और नर्सों के न होने की खबरें सामने आती रहती है, इसके बाद भी शासन-प्रशासन चेतता नजर नहीं आता. ऐसा ही चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं का हाल खंडवा जिला अस्पताल में देखने मिली.
अस्पताल के बाहर दर्द से कराहती रही प्रसूता: एमपी की शिवराज सरकार भले आम लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लाख दावे रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही कहानी बया कर रही है. खंडवा के जिला अस्पताल में दर्द से कराहती महिला ने अस्पताल से बाहर परिसर में ही बच्चे को जन्म दिया. उसे भर्ती करने की बजाय स्टाफ ने बाहर कर दिया था. रात भर अस्पताल के बाहर कराहती महिला ने सुबह पांच बजे बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद हरकत में आए अस्पताल प्रशासन ने महिला को जिला अस्पताल में भर्ती किया. खंडवा के आदिवासी क्षेत्र ग्राम डोंगरी निवासी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर पति रितेश और परिवार के लोग जिला अस्पताल लेकर पहुंचे.
अस्पताल के बाहर बैठी रही प्रसूता: दर्द से कराहती प्रसूता को भर्ती कराने के लिए पति ने पर्ची कटवाई. इसके बाद भी महिला को भर्ती नहीं किया गया. प्रसूता छाया का कहना है कि रात करीब 10 से 11 बजे के बीच अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ ने कहा कि बाहर घूमो. इसके बाद रात भर बाहर ही रहे. सुबह करीब पांच बजे बच्चे को जन्म दिया. पति रितेश का कहना है कि हम दो से तीन बार डॉक्टर और नर्स के पास गए लेकिन हमें कहा कि अभी बाहर ही रहो, बाद में भर्ती करेंगे. रात भर वह पत्नी को लेकर अस्पताल के बाहर बैठा रहा.
साड़ी की आड़ में हुई डिलेवरी: सुबह 5 बजे महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई. इसके बाद उसे अस्पताल परिसर में पेड़-पौधों की आड़ में ले गए. यहां दो बाइक पर साड़ी बांधकर आड़ की. इस दौरान महिला की डिलीवरी हुई. महिला ने यहां बेटे को जन्म दिया है. इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. जिसके बाद एक्शन लेते हुए महिला को तुरंत भर्ती किया गया. बच्चे को शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया है.
इनका यह है कहना: इस मामले में खंडवा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शरद हरणे ने जांच की बात कही है. उन्होंने कहा है कि इस तरह का मामला सामने आया है, जिसमें हम जांच करेंगे. पूरा स्टाफ लापरवाह नहीं हो सकता, लेकिन अगर लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई करेंगे.