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NEET UG Topper : तनिष्का का बड़ा बयान, 'स्टूडेंट्स पर पेरेंट्स के प्रेशर से बढ़ती है नेगेटिविटी'

नीट यूजी 2022 टॉपर तनिष्का कुमारी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. जिसमें उसने बताया कि स्टूडेंट्स पर पेरेंट्स के प्रेशर से नेगेटिव बढ़ती है. साथ ही उसने अपनी सफलता का राज भी बताया कि उसके पेरेंट्स किसी तरह की कोई प्रेशराइज नहीं करते थे. वह अपने गोल को सेट करते हुए लगातार स्टडी में जुटी हुई थी.

NEET UG 2022 Result, NEET Topper Tanishka Kumari
नीट यूजी 2022 टॉपर तनिष्का कुमारी.
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Published : Sep 8, 2022, 11:37 PM IST

कोटा. नीट यूजी का परिणाम घोषित हो गया है. इसमें ऑल इंडिया टॉपर हरियाणा के नारनौल निवासी तनिष्का कुमारी यादव है. तनिष्का ने बताया कि वह अपने गोल को सेट करते हुए लगातार स्टडी में जुटी हुई थी. नीट टॉपर बनने के सवाल पर उसने कहा कि एग्जाम और स्टडी में उसने अपना 100 प्रतिशत दिया है, जिसकी बदौलत ही वह टॉपर बनी है. तनिष्का कुमारी का कहना है कि क्लास में जो पढ़ाया जाता था, उसे लगातार फॉलो करती थी. रिजर्व टाइम में भी 10वीं और 12वीं की स्टडी कर लेती थी. कोचिंग के टेस्ट से भी बैलेंस बनाकर पढ़ाई करती थी. उसका पूरा फोकस नीट एग्जाम को क्वालीफाई करने का था. तनष्का को जब भी फ्री टाइम मिलता था, तब वह 11वीं और 12वीं की पढ़ाई भी कर लेती थी.

एग्जाम में अच्छा नहीं कर पाए तो डिमोटिवेट फील नहीं करें : तनिष्का का कहना है कि उन्होंने अपनी 10वीं तक पढ़ाई महेंद्रगढ़ हरियाणा से ही की है, जहां पर बेसिक पूरी तरह से क्लियर हो गए थे. इसका मुझे फायदा कोटा आने पर भी मिला. साथ ही उन्होंने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से कहना चाहती हूं कि जब आप एक गोल डिसाइड कर लेते हो तो, आप पर रिस्पांसिबिलिटी आ जाती है कि आपको अपना 100 परसेंट देना है. आसपास के लोग आपसे आशा कर रहे हैं कि आप एग्जाम के लिए अपनी पूरी कोशिश कीजिए. उसके बादएक्सपेक्टेशन नहीं रखें. बाई चांस आपने पूरा पढ़ लिया है, लेकिन किसी एग्जाम में अच्छा नहीं कर पाए, तो उसको डिमोटिवेटेड फील नहीं करें. नया चांस दो और दोबारा से करो.

नीट यूजी 2022 टॉपर तनिष्का कुमारी से खास बातचीत.

कोटा में आसपास के बच्चे काफी पढ़ते हैं, इससे मोटिवेशन मिला : नीट टॉपर तनिष्का का कहना है कि (NEET UG Topper Tanishka Interview) कोटा में काफी हेल्दी कंपटीशन रहता है. टीचर भी कनेक्टेड रहते हैं और आस-पास वाले बच्चे भी काफी पढ़ते हैं. इसी से मोटिवेशन मिलता है. साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता ने मुझसे कोई आशा नहीं रखी थी. उन्होंने कहा कि जो भी करना है, वह बेस्ट करना है. रिजल्ट कैसा भी आए, हमें कोई दिक्कत नहीं है. मेरे पेरेंट्स कभी प्रेशराइज नहीं करते थे. वह कहते थे कि तू टेंशन मत ले, आराम से कर, हो जाएगा. एमबीबीएस के बाद अब मुझे अच्छे कॉलेज से पीजी करनी है और सोसायटी के लिए भी कुछ करना है.

पढ़ें : Neet ug 2022 Result: कोटा की तनिष्का टॉपर, साझा किया सफलता का मंत्र!

आठवीं में मैथमेटिक्स ओलंपियाड में भाग लिया, लग गया था काफी ऊंचाई पर जाएगी बेटी : नीट टॉपर तनिष्का के पिता कृष्ण कुमार यादव और मां सरिता टीचर हैं. पिता कृष्ण कुमार का कहना है कि आठवीं स्टैंडर्ड में ही सिंगापुर में मैथमेटिक्स ओलंपियाड में भाग लेने चली गई थी, तब हमें लगा था कि बेटी काफी ऊंचाई पर जाएगी. इसके बाद दसवीं स्टैंडर्ड में एनटीएसई में भी टॉप किया था. कक्षा 11 के साथ एनटीएसई 81 और 12वीं में 69वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद बायलॉजी और केमेस्ट्री ओलंपियाड में भी इसने क्वालीफाई किया था. किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी 12वीं में ऑल इंडिया 16वीं रैंक थी. नीट टॉपर बनने के बाद उसमें कोचिंग पेरेंट्स परिवार फैकल्टी के साथ गांव बाछौद जिला महेंद्रगढ़ का नाम किया है.

पढ़ें : Neet ug 2022: फाइनल आंसर की और रिजल्ट में भी गड़बड़झाला

आज तनिष्का की वजह से हमारी पहचान हो रही है कि यह उसके माता-पिता हैं : नीट यूजी की टॉपर रही तनिष्का ने जेईई मेन परीक्षा में 99.5 परसेंटाइल अंक (NEET UG 2022 Result) प्राप्त किए थे. मैथमेटिक्स भी उसकी काफी अच्छी थी. उसके पिता कृष्ण कुमार का कहना है कि उसकी रूचि पहले तो इंजीनियरिंग थी. इस बारे में हमें कहती थी, लेकिन मैंने कभी बच्ची को फोर्स नहीं किया. हमने केवल यही कहा कि आपकी रूचि है, वह आप कीजिए. तनिष्का 10वीं स्टैंडर्ड में इसने मेडिकल की तरफ जाने का तय कर लिया. इसीलिए हमने इसे उधर जाने दिया. हमने तनिष्का से टॉपर बनने के बाद यही कहा है कि जिस तरह से आपने हमारा नाम रोशन किया है. उसी तरह से चिकित्सा के क्षेत्र में भी काम करें, कहीं भी कोई कोताही नहीं बरतें, जिससे कि हमारा नाम को कोई आंच आए. मेडिकल के क्षेत्र में वंचित शोषित और सभी को अपना बेस्ट देने का प्रयास करें.

मां बोली- सपना जैसा लग रहा, गरीबों की मदद करती है तनिष्का : नीट टॉपर की मां कहलाने के सवाल पर तनिष्का की मां सरिता ने जवाब दिया कि मुझे सपने जैसा लग रहा है. उसने 11वीं में ही यहां पर कोटा में प्रवेश लिया था. मैं थोड़े दिन यहां पर रही थी, फिर उसके बाद ही एडजेस्ट हो जाने पर मैं यहां से चली गई थी. मैं भी टीचर हूं और घर मे छोटे बच्चे थे. तनिष्का के दादा-दादी के साथ पूरा परिवार हरियाणा में रहता था, सभी को संभालना था. उन्होंने कहा कि तनिष्का आगे सुपर स्पेशियिलिटी के कोर्स करना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य प्रोफेशन में अच्छी सैलरी और पैसा तो मिल जाता है. डॉक्टरी ही एक ऐसा प्रोफेशन है कि जिसमें सेटिस्फेक्शन मिल सकता है. उसे एक अच्छा डॉक्टर बनना है साथ ही वह गरीब लोगों को देखकर व्यतीत हो जाती है, इसीलिए वह ऐसे लोगों की मदद भी करना चाहती हैं.

पढ़ें : NEET Tie Breaking Criteria: 4 बच्चे लेकर आए 715 अंक, फिर भी तनिष्का टॉपर! जानें क्यों?

ऐतिहासिक दिन, म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं : कोचिंग संस्थान के निदेशक बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि ऐतिहासिक एक डिकेट या कहें तो 10 से 12 साल के बाद एक ऑल इंडिया टॉपर में एक बेटी तनिष्का के रूप में आई है. एक्जाम 18 लाख के आसपास बच्चों ने दिया था, जिसमें एक बेटी ने टॉप किया है. आज का दिन ऐतिहासिक अविस्मरणीय दिन है. यह कहा जा सकता है कि म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं. तनिष्का की बात की जाए तो कोटा जिस ड्रीम को लेकर आई थी, हमेशा उसी पर फोकस किया है. उसके पास एंड्रॉयड फोन भी नहीं था, केवल एक छोटा फोन था. जिसकी कॉलिंग के लिए उपयोग करती थी. कोई डिस्ट्रक्शन नहीं, केवल पेरेंट्स से बात करना. वहीं, केवल टीचर को डाउट पूछने के लिए कॉल करना. उसका कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है. यह केवल डेडीकेशन, डिवोशन, नो डिस्ट्रक्शन, एक गोल और बर्निंग डिजायर को लेकर सनक के साथ स्टडी में लगी हुई थी, जिसने ही तनिष्का को इतने बड़े एग्जाम में ऑल इंडिया टॉपर बनाया है.

कोटा. नीट यूजी का परिणाम घोषित हो गया है. इसमें ऑल इंडिया टॉपर हरियाणा के नारनौल निवासी तनिष्का कुमारी यादव है. तनिष्का ने बताया कि वह अपने गोल को सेट करते हुए लगातार स्टडी में जुटी हुई थी. नीट टॉपर बनने के सवाल पर उसने कहा कि एग्जाम और स्टडी में उसने अपना 100 प्रतिशत दिया है, जिसकी बदौलत ही वह टॉपर बनी है. तनिष्का कुमारी का कहना है कि क्लास में जो पढ़ाया जाता था, उसे लगातार फॉलो करती थी. रिजर्व टाइम में भी 10वीं और 12वीं की स्टडी कर लेती थी. कोचिंग के टेस्ट से भी बैलेंस बनाकर पढ़ाई करती थी. उसका पूरा फोकस नीट एग्जाम को क्वालीफाई करने का था. तनष्का को जब भी फ्री टाइम मिलता था, तब वह 11वीं और 12वीं की पढ़ाई भी कर लेती थी.

एग्जाम में अच्छा नहीं कर पाए तो डिमोटिवेट फील नहीं करें : तनिष्का का कहना है कि उन्होंने अपनी 10वीं तक पढ़ाई महेंद्रगढ़ हरियाणा से ही की है, जहां पर बेसिक पूरी तरह से क्लियर हो गए थे. इसका मुझे फायदा कोटा आने पर भी मिला. साथ ही उन्होंने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों से कहना चाहती हूं कि जब आप एक गोल डिसाइड कर लेते हो तो, आप पर रिस्पांसिबिलिटी आ जाती है कि आपको अपना 100 परसेंट देना है. आसपास के लोग आपसे आशा कर रहे हैं कि आप एग्जाम के लिए अपनी पूरी कोशिश कीजिए. उसके बादएक्सपेक्टेशन नहीं रखें. बाई चांस आपने पूरा पढ़ लिया है, लेकिन किसी एग्जाम में अच्छा नहीं कर पाए, तो उसको डिमोटिवेटेड फील नहीं करें. नया चांस दो और दोबारा से करो.

नीट यूजी 2022 टॉपर तनिष्का कुमारी से खास बातचीत.

कोटा में आसपास के बच्चे काफी पढ़ते हैं, इससे मोटिवेशन मिला : नीट टॉपर तनिष्का का कहना है कि (NEET UG Topper Tanishka Interview) कोटा में काफी हेल्दी कंपटीशन रहता है. टीचर भी कनेक्टेड रहते हैं और आस-पास वाले बच्चे भी काफी पढ़ते हैं. इसी से मोटिवेशन मिलता है. साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता ने मुझसे कोई आशा नहीं रखी थी. उन्होंने कहा कि जो भी करना है, वह बेस्ट करना है. रिजल्ट कैसा भी आए, हमें कोई दिक्कत नहीं है. मेरे पेरेंट्स कभी प्रेशराइज नहीं करते थे. वह कहते थे कि तू टेंशन मत ले, आराम से कर, हो जाएगा. एमबीबीएस के बाद अब मुझे अच्छे कॉलेज से पीजी करनी है और सोसायटी के लिए भी कुछ करना है.

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आठवीं में मैथमेटिक्स ओलंपियाड में भाग लिया, लग गया था काफी ऊंचाई पर जाएगी बेटी : नीट टॉपर तनिष्का के पिता कृष्ण कुमार यादव और मां सरिता टीचर हैं. पिता कृष्ण कुमार का कहना है कि आठवीं स्टैंडर्ड में ही सिंगापुर में मैथमेटिक्स ओलंपियाड में भाग लेने चली गई थी, तब हमें लगा था कि बेटी काफी ऊंचाई पर जाएगी. इसके बाद दसवीं स्टैंडर्ड में एनटीएसई में भी टॉप किया था. कक्षा 11 के साथ एनटीएसई 81 और 12वीं में 69वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद बायलॉजी और केमेस्ट्री ओलंपियाड में भी इसने क्वालीफाई किया था. किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में भी 12वीं में ऑल इंडिया 16वीं रैंक थी. नीट टॉपर बनने के बाद उसमें कोचिंग पेरेंट्स परिवार फैकल्टी के साथ गांव बाछौद जिला महेंद्रगढ़ का नाम किया है.

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आज तनिष्का की वजह से हमारी पहचान हो रही है कि यह उसके माता-पिता हैं : नीट यूजी की टॉपर रही तनिष्का ने जेईई मेन परीक्षा में 99.5 परसेंटाइल अंक (NEET UG 2022 Result) प्राप्त किए थे. मैथमेटिक्स भी उसकी काफी अच्छी थी. उसके पिता कृष्ण कुमार का कहना है कि उसकी रूचि पहले तो इंजीनियरिंग थी. इस बारे में हमें कहती थी, लेकिन मैंने कभी बच्ची को फोर्स नहीं किया. हमने केवल यही कहा कि आपकी रूचि है, वह आप कीजिए. तनिष्का 10वीं स्टैंडर्ड में इसने मेडिकल की तरफ जाने का तय कर लिया. इसीलिए हमने इसे उधर जाने दिया. हमने तनिष्का से टॉपर बनने के बाद यही कहा है कि जिस तरह से आपने हमारा नाम रोशन किया है. उसी तरह से चिकित्सा के क्षेत्र में भी काम करें, कहीं भी कोई कोताही नहीं बरतें, जिससे कि हमारा नाम को कोई आंच आए. मेडिकल के क्षेत्र में वंचित शोषित और सभी को अपना बेस्ट देने का प्रयास करें.

मां बोली- सपना जैसा लग रहा, गरीबों की मदद करती है तनिष्का : नीट टॉपर की मां कहलाने के सवाल पर तनिष्का की मां सरिता ने जवाब दिया कि मुझे सपने जैसा लग रहा है. उसने 11वीं में ही यहां पर कोटा में प्रवेश लिया था. मैं थोड़े दिन यहां पर रही थी, फिर उसके बाद ही एडजेस्ट हो जाने पर मैं यहां से चली गई थी. मैं भी टीचर हूं और घर मे छोटे बच्चे थे. तनिष्का के दादा-दादी के साथ पूरा परिवार हरियाणा में रहता था, सभी को संभालना था. उन्होंने कहा कि तनिष्का आगे सुपर स्पेशियिलिटी के कोर्स करना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य प्रोफेशन में अच्छी सैलरी और पैसा तो मिल जाता है. डॉक्टरी ही एक ऐसा प्रोफेशन है कि जिसमें सेटिस्फेक्शन मिल सकता है. उसे एक अच्छा डॉक्टर बनना है साथ ही वह गरीब लोगों को देखकर व्यतीत हो जाती है, इसीलिए वह ऐसे लोगों की मदद भी करना चाहती हैं.

पढ़ें : NEET Tie Breaking Criteria: 4 बच्चे लेकर आए 715 अंक, फिर भी तनिष्का टॉपर! जानें क्यों?

ऐतिहासिक दिन, म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं : कोचिंग संस्थान के निदेशक बृजेश माहेश्वरी का कहना है कि ऐतिहासिक एक डिकेट या कहें तो 10 से 12 साल के बाद एक ऑल इंडिया टॉपर में एक बेटी तनिष्का के रूप में आई है. एक्जाम 18 लाख के आसपास बच्चों ने दिया था, जिसमें एक बेटी ने टॉप किया है. आज का दिन ऐतिहासिक अविस्मरणीय दिन है. यह कहा जा सकता है कि म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं. तनिष्का की बात की जाए तो कोटा जिस ड्रीम को लेकर आई थी, हमेशा उसी पर फोकस किया है. उसके पास एंड्रॉयड फोन भी नहीं था, केवल एक छोटा फोन था. जिसकी कॉलिंग के लिए उपयोग करती थी. कोई डिस्ट्रक्शन नहीं, केवल पेरेंट्स से बात करना. वहीं, केवल टीचर को डाउट पूछने के लिए कॉल करना. उसका कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं है. यह केवल डेडीकेशन, डिवोशन, नो डिस्ट्रक्शन, एक गोल और बर्निंग डिजायर को लेकर सनक के साथ स्टडी में लगी हुई थी, जिसने ही तनिष्का को इतने बड़े एग्जाम में ऑल इंडिया टॉपर बनाया है.

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