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NEET छूट विधेयक लौटाने पर AIADMK ने DMK को ठहराया जिम्मेदार

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि (Governor R N Ravi) ने राज्य के लिए नीट से छूट की मांग वाला विधेयक विधानसभा पर पुनर्विचार के लिए विधानसभा अध्यक्ष को लौटा दिया है. इसे लेकर मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने डीएमके पर निशाना साधा है. विधेयक वापस होने के लिए डीएमके को जिम्मेदार ठहराया है (AIADMK blames DMK govt for Raj Bhavan returning Bill).

NEET
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा
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Published : Feb 4, 2022, 3:30 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test ) को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक (DMK) की आलोचना की. दरअसल राज्यपाल आरएन रवि (Governor R N Ravi) ने तमिलनाडु को इससे छूट देने वाला विधेयक सरकार को लौटा दिया है. प्रवेश परीक्षा के रूप में सही डेटा उसे प्रस्तुत नहीं किया गया था.

सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए, अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ पनीरसेल्वम (AIADMK Coordinator O Panneerselvam) ने आरोप लगाया कि 'द्रमुक शासन के रवैये के कारण राष्ट्रपति की सहमति के लिए इसे नहीं भेजा जा सका.'

पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने दावा किया कि राज्यपाल रवि को विधेयक के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 'सही डेटा और राय' नहीं दी गई थी और यही कारण है कि इसे राज्य सरकार को लौटाया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक ने विधानसभा चुनाव से पहले हर रोज एनईईटी पर बात की लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक पैनल का गठन किया और इस मामले में लगभग चार महीने की देरी की. बाद में, द्रमुक शासन विधानसभा में विधेयक लाया. अब विधेयक वापस कर दिया गया है.

पढ़ें- NEET को लेकर स्टालिन ने केंद्र की आलोचना की, बुलाई सर्वदलीय बैठक

दरअसल समिति की रिपोर्ट ही विधेयक का आधार थी. राज्यपाल ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के दौरान विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में सामाजिक न्याय की पूर्व-नीट स्थिति की भी जांच की. इस पूरे मामले पर सरकार ने 5 फरवरी को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

पढ़ें- NEET bill delay : बजट सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस और द्रमुक सांसदों का विरोध

(PTI)

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test ) को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक (DMK) की आलोचना की. दरअसल राज्यपाल आरएन रवि (Governor R N Ravi) ने तमिलनाडु को इससे छूट देने वाला विधेयक सरकार को लौटा दिया है. प्रवेश परीक्षा के रूप में सही डेटा उसे प्रस्तुत नहीं किया गया था.

सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए, अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ पनीरसेल्वम (AIADMK Coordinator O Panneerselvam) ने आरोप लगाया कि 'द्रमुक शासन के रवैये के कारण राष्ट्रपति की सहमति के लिए इसे नहीं भेजा जा सका.'

पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने दावा किया कि राज्यपाल रवि को विधेयक के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 'सही डेटा और राय' नहीं दी गई थी और यही कारण है कि इसे राज्य सरकार को लौटाया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक ने विधानसभा चुनाव से पहले हर रोज एनईईटी पर बात की लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक पैनल का गठन किया और इस मामले में लगभग चार महीने की देरी की. बाद में, द्रमुक शासन विधानसभा में विधेयक लाया. अब विधेयक वापस कर दिया गया है.

पढ़ें- NEET को लेकर स्टालिन ने केंद्र की आलोचना की, बुलाई सर्वदलीय बैठक

दरअसल समिति की रिपोर्ट ही विधेयक का आधार थी. राज्यपाल ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के दौरान विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में सामाजिक न्याय की पूर्व-नीट स्थिति की भी जांच की. इस पूरे मामले पर सरकार ने 5 फरवरी को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.

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(PTI)

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