चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test ) को लेकर सत्तारूढ़ द्रमुक (DMK) की आलोचना की. दरअसल राज्यपाल आरएन रवि (Governor R N Ravi) ने तमिलनाडु को इससे छूट देने वाला विधेयक सरकार को लौटा दिया है. प्रवेश परीक्षा के रूप में सही डेटा उसे प्रस्तुत नहीं किया गया था.
सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए, अन्नाद्रमुक समन्वयक ओ पनीरसेल्वम (AIADMK Coordinator O Panneerselvam) ने आरोप लगाया कि 'द्रमुक शासन के रवैये के कारण राष्ट्रपति की सहमति के लिए इसे नहीं भेजा जा सका.'
पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने दावा किया कि राज्यपाल रवि को विधेयक के संबंध में राज्य सरकार द्वारा 'सही डेटा और राय' नहीं दी गई थी और यही कारण है कि इसे राज्य सरकार को लौटाया गया.
उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक ने विधानसभा चुनाव से पहले हर रोज एनईईटी पर बात की लेकिन चुनाव जीतने के बाद एक पैनल का गठन किया और इस मामले में लगभग चार महीने की देरी की. बाद में, द्रमुक शासन विधानसभा में विधेयक लाया. अब विधेयक वापस कर दिया गया है.
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दरअसल समिति की रिपोर्ट ही विधेयक का आधार थी. राज्यपाल ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के दौरान विशेष रूप से सामाजिक और आर्थिक रूप से गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश में सामाजिक न्याय की पूर्व-नीट स्थिति की भी जांच की. इस पूरे मामले पर सरकार ने 5 फरवरी को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
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(PTI)