पानीपत: एशियन गेम्स और वर्ल्ड एथलीट चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के बाद नीरज चौपड़ा अपने गांव खंडारा पहुंचे. ईटीवी भारत से EXCLUSIVE बातचीत में नीरज चौपड़ा ने कहा है कि खिलाड़ी के जीवन में संघर्ष नहीं, मेहनत होती है. मेहनत करने से सफलता मिलती है. अब फिर से दोबारा वही मेडल जीतने हैं, जो पहले जीत चुका हूं. इसकी शुरूआत एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर हो चुकी है. यानि नीरज चौपड़ा ने दोबारा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का लक्ष्य बना लिया है.
खिलाड़ी को खेल बदलने से नहीं मिलती सफलता: नीरज चौपड़ा के ओलंपिक में गोल्ड जीतने के बाद हरियाणा समेत देशभर में भाला फेंक खेल के लिए एक लहर पैदा हुई है. कई खिलाड़ियों ने अपना खेल बदला और भाला फेंक में किस्मत अजमाने लगे. नीरज के गांव में भी कई बच्चे इस खेल के प्रति आकर्षित हुए. इस मामले में ईटीवी भारत ने नीरज चौपड़ा से सवाल पूछा. इस पर उनका जवाब था,'मेरे जीतने के बाद ऐसा हुआ था लेकिन बच्चों को अपना पेशन नहीं छोड़ना चाहिए. हर खेल अच्छा है लेकिन वो समय मांगता है. गेम बदल लेने से सफलता नहीं मिलती है.' नीरज चौपड़ा मेहनत पर जोर देते हैं. लगातार मेहनत करने से ही सफलता मिलती है. तभी वो कहते हैं कि खिलाड़ी के जीवन में मेहनत होती है. संघर्ष नहीं होता है.
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देश का नाम रोशन करना होता है सपना : नीरज चौपड़ा ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एशियन गेम्स से लेकर ओलंपिक तक हर जगह जीत का परचम लहराया है. वो इस पर कहते हैं.' खिलाड़ी का सपना होता है कि देश का प्रतिनिधित्व करे.देश का नाम रोशन करे. खिलाड़ी मेहनत करते रहें. खुद पर विश्वास करते रहें.इसी विश्वास की ये सब देन है.' वहीं दूसरी तरफ नीरज एक संयुक्त परिवार से आते हैं. उनके परिवार के सभी सदस्य एक साथ रहते हैं. वे मानते भी हैं कि उनकी जिंदगी में कभी ये महसूस ही नहीं हुआ है कि वो अलग- अलग हैं.उनको परिवार के साथ रहना अच्छा लगता है.
बच्चे खेल के लिए जरूर समय निकाले: नीरज चौपड़ा ने ईटीवी के जरिए बच्चों को भी संदेश दिया. उनका कहना है कि बच्चों को पसंद का काम करना चाहिए. अगर पढ़ने में मन लगता है तो पढ़ाई करनी चाहिए. बच्चों को जीवन में खेल का रोल जरूर रखना चाहिए. जब भी समय मिले खेलना चाहिए. खेलने से शरीर में फिटनेस बनी रहती है. फिटनेस रहती है तो हर काम में एनर्जी रहती है.
पाकिस्तान खिलाड़ी अरशद नदीम से मिलेंगे ओलंपिक में: नीरज चौपड़ा को टक्कर देने वाले पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम को लेकर भी ईटीवी ने बात की. उनके मामले में नीरज चौपड़ा का कहना था कि खिलाड़ी को चोट आगे खेलने नहीं देती है. वे भी कॉमन वेल्थ गेम में नहीं खेल पाए थे. चोट ठीक करने की सलाह उन्होंने नदीम को दी और उम्मीद जताई है कि पेरिस ओलपिंक में दोनों साथ में खेलेंगे.