नई दिल्ली : नई दिल्ली के लुटियंस जोन (Delhi Lutyens Zone) में एनडीएमसी ने पेड़ों पर क्यूआर कोड (NDMC Put QR Code on Trees) लगाया हुआ है. फिलहाल पहले चरण में यह कुछ ही इलाकों के पेड़ों पर लगाया गया है. आने वाले समय पर दिल्ली के तमाम पेड़ों पर आप इस तरह के QR Code देख पाएंगे. इन क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से गूगल लेंस के जरिए स्कैन करके उन पेड़ों के नाम हिंदी-इंग्लिश और वह किस प्रजाति के हैं, यह जान पाएंगे.
हरे रंग के क्यूआर कोड आप पेड़ों में लगा देख सकते हैं. ऐसे क्यूआर कोड पहले एनडीएमसी ने कई मकानों पर भी लुटियंस जोन में लगाए गए थे. राजधानी के कई इलाकों में 10-20 पेड़ दिख जाएंगे. उनको बचाने के लिए सरकार काफी प्रयास भी करती हुई दिख रही है. पेड़ों को बचाने के लिए उसमें लाल और सफेद रंग की कोटिंग की जाती है. कई बार उन पेड़ों में उनकी संख्या भी लिखी जाती है. भारत में कुल 3,518 करोड़ पेड़ हैं. क्षेत्रफल के लिहाज से प्रति स्क्वॉयर किलो मीटर कुल 11,109 पेड़ हैं. अगर हम बात करें प्रति व्यक्ति पेड़ों की संख्या की तो यह आंकड़ा सिर्फ 28 पर आकर रुक जाता है. इन तीनों पैमानों पर हमारी ग्लोबल रैंकिंग 17वीं 103वीं और 125वीं है.
पेड़ों की तादाद के मामले में दुनिया के टॉप पांच देश
रूस | 69834 |
कनाडा | 36120 |
ब्राजील | 33816 |
अमेरिका | 22286 |
चीन | 17753 |
कैसे दे रहे हैं पेड़ अपना परिचय: क्या आपको मालूम है कि पेड़ अब अपना परिचय खुद दे सकते हैं. वह बताएंगे कि उनका नाम क्या है. उनका वनस्पति के नाम क्या है. उनका उपयोग क्या है और उनका फायदा क्या है. एनडीएमसी के द्वारा यह पहल इसलिए की गई है कि लोगों के बीच इन पेड़ों के प्रति जिज्ञासा बढ़े. यह काम इस बार कोड के जरिए किया जा रहा है. प्रत्येक पेड़ पर बार कोड लगाया गया है. इस बार कोड में पेड़ के बारे में पूरी जानकारी है. पेड़ों पर बारकोड लगाए गए हैं. इसे स्कैन करते ही यह पेड़ अपनी जानकारी खुद देते नजर आएंगे.
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नई दिल्ली के लुटियन जोन में पेड़ों पर लटके इस बार कोड को देखेंगे तो यह हरे रंग के हैं. आपको अपने मोबाइल पर गूगल ओपन कर स्कैन पर जाकर बार कोड को स्कैन करना होगा. इसके बाद आपको मोबाइल पर पेड़ का नाम उसका वनस्पति नाम, उसकी गुणवत्ता, ऊंचाई व चौड़ाई के अलावा कितना पुराना है. इसकी जानकारी भी मिलेगी. इतना ही नहीं अगर आपको इससे ज्यादा जानकारी भी चाहिए तो आप उसका नाम हिंदी या इंग्लिश में गूगल में टाइप करके ले पाएंगे. बारकोड मोबाइल से स्कैन करते ही पेड़ की प्रजाति इसका सामान्य बोलचाल की भाषा में नाम, वानस्पतिक नाम मालूम कर पाएंगे.