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Dausa Rape Case : कांग्रेस विधायक पर प्राथमिकी में देरी पर NCW ने पुलिस से मांगा जवाब

राष्ट्रीय महिला आयोग ने बुधवार को राजस्थान के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़िता के परिवार की सहमति के बिना बच्चे और दौसा की दुष्कर्म पीड़िता की मां की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में सुनवाई की.

राष्ट्रीय महिला आयोग
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Published : May 25, 2022, 9:49 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग ने दुष्कर्म की पीड़िता की मां और बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में 'विलंब' पर राजस्थान पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने पुलिस को यह निर्देश भी दिया है कि सात दिनों के भीतर उसके समक्ष प्रगति रिपोर्ट दाखिल की जाए. महिला आयोग ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को सुनवाई की. इस सुनवाई की अध्यक्षता महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने की और राज्य के पुलिस महानिदेश की तरफ से पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल आयोग के समक्ष उपस्थित हुए.

आयोग ने एक बयान में कहा कि आयोग ने विलंब को लेकर स्पष्टीकरण मांगा और पुलिस को निर्देश दिया कि सात दिनों के भीतर प्रगति रिपोर्ट दी जाए. आयोग ने यह भी कहा है कि इस मामले में आगे की प्रगति के बारे में साप्ताहिक रूप से सूचना दी जाए. महिला आयोग ने गत तीन मई को राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वह विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें और उचित कार्रवाई करें. आयोग का कहना है कि उसकी ओर से सुनवाई के लिए नोटिस दिए जाने के बाद 17 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई.

बता दें कि राजस्थान के दौसा जिले के एक गांव में एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला के परिवार ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें पीड़िता के शरीर का 'जल्दी से अंतिम संस्कार' करने के लिए मजबूर किया गया. 23 अप्रैल की सुबह जयपुर से दौसा में अपने माता-पिता के घर जा रही महिला के साथ कथित तौर पर उसके माता-पिता के घर से छह किलोमीटर की दूरी पर सामूहिक दुष्कर्म हुआ था.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग ने दुष्कर्म की पीड़िता की मां और बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए कांग्रेस विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में 'विलंब' पर राजस्थान पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है. आयोग ने पुलिस को यह निर्देश भी दिया है कि सात दिनों के भीतर उसके समक्ष प्रगति रिपोर्ट दाखिल की जाए. महिला आयोग ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को सुनवाई की. इस सुनवाई की अध्यक्षता महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने की और राज्य के पुलिस महानिदेश की तरफ से पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल आयोग के समक्ष उपस्थित हुए.

आयोग ने एक बयान में कहा कि आयोग ने विलंब को लेकर स्पष्टीकरण मांगा और पुलिस को निर्देश दिया कि सात दिनों के भीतर प्रगति रिपोर्ट दी जाए. आयोग ने यह भी कहा है कि इस मामले में आगे की प्रगति के बारे में साप्ताहिक रूप से सूचना दी जाए. महिला आयोग ने गत तीन मई को राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया था कि वह विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें और उचित कार्रवाई करें. आयोग का कहना है कि उसकी ओर से सुनवाई के लिए नोटिस दिए जाने के बाद 17 मई को प्राथमिकी दर्ज की गई.

बता दें कि राजस्थान के दौसा जिले के एक गांव में एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला के परिवार ने यह आरोप लगाया है कि उन्हें पीड़िता के शरीर का 'जल्दी से अंतिम संस्कार' करने के लिए मजबूर किया गया. 23 अप्रैल की सुबह जयपुर से दौसा में अपने माता-पिता के घर जा रही महिला के साथ कथित तौर पर उसके माता-पिता के घर से छह किलोमीटर की दूरी पर सामूहिक दुष्कर्म हुआ था.

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