कोलकाता: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता लगातार तीसरे साल भारत में सबसे सुरक्षित शहर बनकर उभरा है. महानगरों में प्रति लाख आबादी पर दर्ज संज्ञेय अपराध के सबसे कम मामले कोलकाता में आए. टीएमसी ने मंगलवार को एनसीआरबी डेटा पर खुशी व्यक्त की, दावा किया कि इसने बंगाल सरकार की कानून व्यवस्था को संभालने पर भाजपा द्वारा प्रचारित झूठ को उजागर किया है.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, कोलकाता में 2022 में प्रति लाख लोगों पर संज्ञेय अपराध के 86.5 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद पुणे (280.7) और हैदराबाद (299.2) का स्थान रहा. संज्ञेय अपराध वे होते हैं जिनके लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और एसएलएल (विशेष और स्थानीय कानून) की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए जाते हैं.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता में 2021 में प्रति लाख लोगों पर संज्ञेय अपराध के 103.4 मामले दर्ज किए गए थे, जो इस साल घटकर 86.5 हो गए। 2020 में यह आंकड़ा 129.5 था.
वर्ष 2021 में, पुणे और हैदराबाद में प्रति लाख जनसंख्या पर क्रमशः 256.8 और 259.9 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए थे. बीस लाख से अधिक आबादी वाले 19 शहरों के बीच तुलना के बाद रैंकिंग जारी की गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि दर्ज की गई, क्योंकि 2021 में मामलों की संख्या 1,783 थी जो 2022 में बढ़कर 1,890 हो गई. कोलकाता में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर प्रति लाख जनसंख्या पर 27.1 थी, जो कोयंबटूर की 12.9 और चेन्नई की 17.1 से अधिक थी.
इस साल, कोलकाता में हिंसक अपराधों में भी गिरावट देखी गई और हत्या के केवल 34 मामले दर्ज किए गए, जो पिछले साल के 45 मामलों से कम हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में 2022 में दुष्कर्म के 11 मामले दर्ज किए गए, इतनी ही संख्या 2021 में दर्ज की गई. एनसीआरबी की 'भारत में अपराध 2022' रिपोर्ट 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों तथा केंद्रीय एजेंसियों से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है.
देश में 2022 में दंगों के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए: उधर एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2022 में दंगों के सबसे अधिक 8,218 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत आपराधिक मामले दर्ज करने में महाराष्ट्र (उत्तर प्रदेश के बाद) दूसरे स्थान पर रहा.
आंकड़ों से यह भी पता चला कि महाराष्ट्र 2022 में 2,295 हत्याओं के साथ उत्तर प्रदेश तथा बिहार के बाद हत्या के मामलों में तीसरे स्थान पर और राजस्थान, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के बाद दुष्कर्म के मामलों में चौथे स्थान पर रहा. महाराष्ट्र में रेप के 2,904 मामले दर्ज किए गए.
रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में 2022 में (आईपीसी की धाराओं के तहत) कुल 3,74,038 आपराधिक मामले दर्ज किए गए, जबकि 2021 में 3,67,218 और 2020 में 3,94,017 मामले दर्ज किए गए थे. पिछले साल महाराष्ट्र में दंगों के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे राज्य इस श्रेणी में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मामले आईपीसी की धारा 147 से 151 (दंगा और गैरकानूनी सभा से संबंधित) के तहत दर्ज किए गए थे. आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में दंगों के कुल 8,218 मामले दर्ज किए गए.