ETV Bharat / bharat

विवाह पंजीकरण बिल पर NCPCR ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 पर आशंका व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है. दरअसल, उनका मानना है कि संशोधन विधेयक की धारा 8 में विवाह पंजीकरण अधिकारियों के माध्यम से बाल विवाह के पंजीकरण का प्रावधान है, जो बाल विवाह को वैध बनाता है. पढ़ें पूरी खबर...

विवाह पंजीकरण बिल
विवाह पंजीकरण बिल
author img

By

Published : Sep 25, 2021, 7:03 PM IST

नई दिल्ली : NCPCR ने राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बाल विवाह को 'वैध' बनाता है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने अपने पत्र में कहा है कि संशोधन विधेयक की धारा 8 में विवाह पंजीकरण अधिकारियों के माध्यम से बाल विवाह के पंजीकरण का प्रावधान है, जहां वे 30 दिनों से अधिक समय से रह रहे हैं.

आयोग ने आशंका जताई कि बिल के अधिनियमन से नाबालिगों की शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति और उनकी शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए सरकार से विधेयक पर पुनर्विचार करने और कानून और राज्य में बच्चों के कल्याण के अनुसार इसकी समीक्षा करने को कहा गया है.

शुक्रवार को NCPCR ने पत्र में कहा, बिल में कहा गया है कि 21 साल पूरे नहीं करने वाले दूल्हे और 18 साल की उम्र पूरी नहीं करने वाली दुल्हन के बीच शादी के 30 दिनों के भीतर माता-पिता या अभिभावक पंजीकरण करा सकते हैं.

आयोग ने कहा कि विधेयक राजस्थान में बाल विवाह को "वैध" बनाता है. बता दें, राजस्थान विधानसभा ने पिछले सप्ताह 2009 के एक अधिनियम में संशोधन करने वाले विधेयक को पारित किया था.

पढ़ें : क्या है राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, जिसे विपक्ष बता रहा काला कानून

इस बिल पर काफी विवाद भी हुआ था. यहीं नहीं बल्कि उक्त धारा की वैधता पर एक जनहित याचिका भी लगाई गई है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : NCPCR ने राजस्थान के मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा है कि यह बाल विवाह को 'वैध' बनाता है.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने अपने पत्र में कहा है कि संशोधन विधेयक की धारा 8 में विवाह पंजीकरण अधिकारियों के माध्यम से बाल विवाह के पंजीकरण का प्रावधान है, जहां वे 30 दिनों से अधिक समय से रह रहे हैं.

आयोग ने आशंका जताई कि बिल के अधिनियमन से नाबालिगों की शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति और उनकी शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए सरकार से विधेयक पर पुनर्विचार करने और कानून और राज्य में बच्चों के कल्याण के अनुसार इसकी समीक्षा करने को कहा गया है.

शुक्रवार को NCPCR ने पत्र में कहा, बिल में कहा गया है कि 21 साल पूरे नहीं करने वाले दूल्हे और 18 साल की उम्र पूरी नहीं करने वाली दुल्हन के बीच शादी के 30 दिनों के भीतर माता-पिता या अभिभावक पंजीकरण करा सकते हैं.

आयोग ने कहा कि विधेयक राजस्थान में बाल विवाह को "वैध" बनाता है. बता दें, राजस्थान विधानसभा ने पिछले सप्ताह 2009 के एक अधिनियम में संशोधन करने वाले विधेयक को पारित किया था.

पढ़ें : क्या है राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, जिसे विपक्ष बता रहा काला कानून

इस बिल पर काफी विवाद भी हुआ था. यहीं नहीं बल्कि उक्त धारा की वैधता पर एक जनहित याचिका भी लगाई गई है.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.