नई दिल्लीः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) से कहा कि वह कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों के इलाज एवं क्लीनिकल प्रबंधन को लेकर जरूरी प्रोटोकॉल या दिशानिर्देश साझा करे.
साथ ही आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी आग्रह किया है कि बच्चों के लिए आपात परिवहन/एंबुलेंस सेवा के बारे में जरूरी दिशानिर्देश जारी किए जाएं.
जानकारी के मुताबिक, आईसीएमआर महानिदेशक बलराम भार्गव को लिखे पत्र में कानूनगो ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का नौजवानों पर अच्छा-खासा असर पड़ रहा है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि तीसरी लहर बच्चों को भी प्रभावित करेगी. ऐसे में उच्चतम न्यायालय ने बच्चों के लिए टीकाकरण की जरूरतों की तैयारी पर जोर दिया है.
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बाल आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आपसे आग्रह किया जाता कि आप कोरोना संक्रमित बच्चों के उपचार एवं क्लीनिकल प्रबंधन से जुड़े प्रोटोकॉल/दिशानिर्देश आयोग के साथ साझा करें. इन प्रोटोकॉल/दिशानिर्देशों को आगे राज्यों के बाल संरक्षण आयोगों के पास भेजा जाएगा.
उन्होंने यह आग्रह भी किया कि तीसरी लहर में बच्चों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका के मद्देनजर अगर कोई अतिरिक्त प्रोटोकॉल एवं दिशानिर्देश तय किए गए हैं, तो उनके बारे में भी आयोग को अवगत कराया जाए.
कानूनगो ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को भी पत्र लिखा. उन्होंने आग्रह किया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर बच्चों और शिशुओं के लिए आपात परिवहन सेवा/एंबुलेंस सेवा के बारे में जरूरी दिशानिर्देश जारी किए जाएं.
उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिवों को लिखे एक अन्य पत्र में कहा कि कोरोना से संबंधित डाटा मुहैया कराने के मकसद से नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए.
- पीटीआई