नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र में महाराष्ट्र की बारामती लोक सभा सीट से निर्वाचित लोक सभा सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule NCP Baramati Maharashtra) ने गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा को लेकर सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि ई कॉमर्स आज काफी तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स यानी डिलीवरी बॉय और गर्ल्स बड़ी संख्या में महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं. भारत के विकास में ऐसे युवा योगदान करना चाहते हैं.
सड़क हादसों से सुरक्षा के क्या उपाय कर रही सरकार
सुप्रिया सुले ने नितिन गडकरी के बयान का संदर्भ देते हुए कहा, लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के कारण इनकी सुरक्षा के उपाय पर गंभीरता से विचार जरूरी है. सुले ने पूछा, दो पहिया वाहनों से चलने वाले ऐसे में इन युवाओं की सुरक्षा के लिए सरकार क्या किसी योजना पर विचार कर रही है ?
डिजिटल माध्यम से मिलता है रोजगार
एनसीपी सांसद के सवाल पर केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव (Labour and Employment Minister Bhupendra Yadav) ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का जिस तरीके से डिजिटल विस्तार हो रहा है, इसमें गिग वर्कर और प्लेटफॉर्म वर्कर की भूमिका है. उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स की सर्विस कॉन्ट्रैक्ट आधारित होती है. उन्होंने कहा कि इन लोगों की इम्पलॉयमेंट डिजिटल माध्यम से ही होती है, और कॉन्ट्रैक्ट के पैसे भी डिजिटली ही दिए जाते हैं.
भारत चुनिंदा देशों में शामिल
बकौल भूपेंद्र यादव, में सामाजिक सुरक्षा योजना में ये पीछे रह जाते हैं. भविष्य में सड़क हादसे, कार्यस्थल पर होने वाले नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा, ये बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिसने सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत गिग वर्कर्स को परिभाषित (Gig workers definition) भी किया है और इन्हें मान्यता भी दी गई है.
ई-श्रम पोर्टल के तहत पंजीकरण से मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि ई-श्रम पोर्टल के तहत गिग वर्कर और प्लेटफॉर्म वर्कर का पंजीकरण किया जा रहा है. भूपेंद्र यादव ने बताया कि ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार इनकी वास्तविक संख्या जान सकेगी और इसके बाद असंगठित क्षेत्र के लोगों को मिल रही सामाजिक सुरक्षा योजना (schemes for unorganised workers) का लाभ गिग वर्कर्स को भी दिया जा सकेगा.
कौन हैं गिग वर्कर्स
एक व्यक्ति जो एक स्वतंत्र ठेकेदार या फ्रीलांसर के रूप में सर्विस सेक्टर में आम तौर पर अस्थायी नौकरी करता है, ऐसे लोगों को गिग वर्कर के रूप में जाना जाता है. बता दें कि भारत में फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्नैपडील, मिंत्रा जैसे ऑनलाइन शॉपिंग विकल्पों के अलावा ऑनलाइन फूड डिलिवरी के लिए प्रयोग होने वाले जोमैटो, स्विगी जैसे उपक्रमों में बड़ी संख्या में गिग वर्कर काम कर रहे हैं.