मुंबई : एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के पूर्व आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड को ठाणे के विवियाना मॉल के मल्टीप्लेक्स में मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' की स्क्रीनिंग रोकने के बाद कथित तोड़फोड़ के आरोप में ठाणे पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि राकांपा विधायक का कहना है कि फिल्म में राजनीतिक प्रचार के लिए छत्रपति शिवाजी के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. आव्हाड को पहले ठाणे पुलिस ने हिरासत में लिया था.
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Today, senior NCP leader Jitendra Awhad was summoned by police for probe...in a suppressed voice we heard that there's pressure from above, we don't know who called...not accusing anyone. Maharashtra police are the best police & we're proud of them: NCP MP Supriya Sule, in Mumbai pic.twitter.com/LQwqvjunHN
— ANI (@ANI) November 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 11, 2022Today, senior NCP leader Jitendra Awhad was summoned by police for probe...in a suppressed voice we heard that there's pressure from above, we don't know who called...not accusing anyone. Maharashtra police are the best police & we're proud of them: NCP MP Supriya Sule, in Mumbai pic.twitter.com/LQwqvjunHN
— ANI (@ANI) November 11, 2022
दरअसल सोमवार रात आव्हाड और उनके समर्थक कथित तौर पर ठाणे में मल्टीप्लेक्स में घुस गए और कथित 'इतिहास के साथ छेड़छाड़' को लेकर शो को बाधित कर दिया. शिकायत के अनुसार, जब दर्शकों ने पैसे वापसी की मांग की और व्यवधान के बारे में टिप्पणी की, तो उनके समर्थकों ने उनमें से कुछ के साथ मारपीट की. व्यवधान के बाद, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा शो फिर से शुरू किया गया.
एक दर्शक की शिकायत पर आव्हाड के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने से संबंधित, भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अलावा, धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दंड) और 504 (शांति में खलल डालने के लिए उकसाने के इरादे से जानबूझकर अपमानित करना) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला किया गया था.
सुप्रिया सुले ने ये कहा : वहीं, इस मामले में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि 'आज राकांपा के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड को पुलिस ने जांच के लिए बुलाया... दबी हुई आवाज में हमने सुना कि ऊपर से दबाव है, हमें नहीं पता कि किसने फोन किया... किसी पर आरोप नहीं लगाया. महाराष्ट्र पुलिस सबसे अच्छी पुलिस है और हमें उन पर गर्व है.'