पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल नहीं हैं और विपक्ष ऐसा नेतृत्व चाहता है जो देश की भलाई के लिए काम करे. पुणे विश्वविद्यालय के कुलपति राम तकावाले के निधन के सिलसिले में आयोजित शोक सभा के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मैं विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहा हूं. मैं प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में नहीं हूं क्योंकि मैं अगला (लोकसभा) चुनाव नहीं लड़ूंगा.'
महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में शामिल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ सीटों के बंटवारे के बारे में उन्होंने कहा, 'हाल ही में मेरे आवास पर एक बैठक हुई थी. महा विकास आघाड़ी के नेता इस पर फैसला करेंगे. उद्धव ठाकरे, सोनिया गांधी या कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और मैं बैठक कर इसके बारे में चर्चा करेंगे.' महाराष्ट्र में कई नागरिक निकायों का कार्यकाल 2022 की शुरुआत में खत्म हो गया था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण चुनाव नहीं हुए.
इसके अलावा, मई 2024 के आसपास लोकसभा चुनाव होने की संभावना है, जिसके कुछ समय बाद महाराष्ट्र में विधानभा चुनाव होंगे.
बता दें कि शरद पवार (82) ने हाल में मुंबई में अपनी आत्मकथा 'लोक माझे संगति' के अद्यतन संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में राकांपा प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. राकांपा प्रवक्ता महेश तापसे ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी कार्यकर्ता नहीं चाहते कि पवार इस्तीफा दें.
‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय से जुड़े सवाल पर तापसे ने कहा, 'पूरी राकांपा एकजुट है और पार्टी 2024 के विधानसभा चुनावों में महा विकास आघाडी (एमवीए) की ज्यादा से ज्यादी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.' एमवीए के घटक दलों में राकांपा, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस शामिल हैं. यह गठबंधन लगभग ढाई साल तक महाराष्ट्र में सत्ता में था. हालांकि, पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे नीत गुट के बगावत करने और मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के बाद एमवीए सरकार गिर गई थी. एमवीए के गठन का श्रेय शरद पवार को दिया जाता है.
(पीटीआई-भाषा)