मुंबई: इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में गाजा पर आए प्रस्ताव पर भारत ने खुद को अलग कर लिया. इसको लेकर विपक्ष ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है. बता दें कि जार्डन के द्वारा पेश किए गए इस प्रस्ताव में इजरायल-हमास युद्ध को मानवीय आधार पर तत्काल रोकने की अपील की गई थी. वहीं भारत ने मांग की थी कि प्रस्ताव में संशोधन कर हमास के हमले की निंदा की जाए.
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#WATCH | On the Israel-Hamas conflict, NCP chief Sharad Pawar says, "...there is confusion among the Indian government on the Palestine issue. India's policy was to support Palestine, not Israel. Thousands of people are dying (in Palestine) and India never supported it. So there… pic.twitter.com/5WUUbOOr7w
— ANI (@ANI) October 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 28, 2023#WATCH | On the Israel-Hamas conflict, NCP chief Sharad Pawar says, "...there is confusion among the Indian government on the Palestine issue. India's policy was to support Palestine, not Israel. Thousands of people are dying (in Palestine) and India never supported it. So there… pic.twitter.com/5WUUbOOr7w
— ANI (@ANI) October 28, 2023
इसी मामले पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (Ncp President Sharad Pawar) ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि फिलस्तीन के मुद्दे पर भारत सरकार के बीच असमंजस की स्थिति है. उन्होंने कहा कि भारत की नीति फिलिस्तीन का समर्थन करने की थी, इजरायल की नहीं. पवार ने कहा कि फिलिस्तीन में हजारों लोग मर रहे हैं और भारत ने कभी इसका समर्थन नहीं किया. शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के साथ एकजुटता व्यक्त की थी ताकि विदेश मंत्रालय बाद में कुछ अलग कह सके.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई वोटिंग में 120 देशों ने पक्ष में वोट किया, लेकिन भारत, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन समेत 45 ने भाग नहीं लिया. इसी मसले पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार की आलोचना की है.