नई दिल्ली : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा (NCM chairman Iqbal Singh Lalpura) ने बुधवार को धर्मांतरण के मुद्दोंं पर उचित कार्रवाई नहीं किए जाने पर पंजाब सरकार (Punjab government) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हमने कई बार पंजाब के मुख्य सचिव के पास उठाया है लेकिन अभी भी रिपोर्ट का इंतजार है. लालपुरा ने कहा कि यह एक बड़ा मुद्दा है और यह पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
बता दें कि कई मीडिया रिपोर्टों और संबंधित अधिकारियों के द्वारा बातचीत के मुद्दे को हरी झंडी दिखाने के बाद उक्त बयान आया है. हालांकि बिलकिस बानों मामले पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की चुप्पी के सवाल पर लालपुरा ने कहा कि यह मामला कोर्ट में चला गया है इसलिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. यहां यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले कुछ दिनों से, धर्मांतरण, यूपी में मदरसों के सत्यापन और अन्य जैसे मुद्दों ने चिंता का माहौल पैदा कर दिया है. इस मुद्दे को अब नेताओं, विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा टारगेट बनाया जा रहा है.
मदरसों के सत्यापन पर एनसीएम के रुख पर एक सवाल के जवाब में लालपुरा ने कहा, यह हमारा अधिकार क्षेत्र नहीं है. यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है इसलिए मैं इस पर कोई बयान नहीं देना चाहूंगा. सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) के इस विवाद पर कि उन्हें जर्मनी में लुफ्थांसा की उड़ान में उतारा गया था क्योंकि वह कथित तौर पर नशे में थे, एनसीएम अध्यक्ष ने कहा कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन भारत और पंजाब के लोग इसे देख रहे हैं.
मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए लालपुरा ने कहा कि देश में अभी भी आठ राज्यों में अल्पसंख्यक आयोग नहीं है और उनमें से एक असम है. इसलिए हमारा एक सदस्य वहां गया और असम में जल्द ही एक अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की जाएगी. लालपुरा ने कहा, हम एक अल्पसंख्यक आयोग भी बना रहे हैं जिसमें हिंदुओं सहित सभी सदस्य शामिल होंगे. यहां यह ध्यान देने योग्य है कि अल्पसंख्यक पैनल की स्थापना के लिए कई जगहों से आवाज उठने लगी है जिसमें कहा गया है कि इसमें हिंदुओं को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि कुछ राज्य ऐसे हैं जहां पर हिंदू अल्पसंख्यक हैं.
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