नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अगले आदेश तक राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा योजना (एनटीएसई) पर रोक लगा दी है. एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई. इस लोकप्रिय छात्रवृत्ति योजना का वित्तपोषण शिक्षा मंत्रालय करता है और इसे एनसीईआरटी लागू करती है. छात्रवृत्ति परीक्षा हर साल दो चरणों - प्रथम चरण (राज्यस्तरीय) और द्वितीय चरण (राष्ट्रीय स्तर) में आयोजित की जाती है.
एनसीईआरटी ने एक आधिकारिक आदेश में कहा, 'राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित एक केंद्रीय योजना है. एनसीईआरटी एनटीएस योजना के क्रियान्वयन की एजेंसी है. इस योजना को 31 मार्च 2021 तक स्वीकृति दी गई थी.' इसने कहा, 'योजना को मौजूदा रूप में आगे लागू करने की स्वीकृति नहीं दी गई है और अगले आदेश तक इस पर रोक लगा दी गई है.'
एनसीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय इस योजना को नए सिरे से प्रस्तुत करने के उद्देश्य से इसकी समीक्षा कर रहा है. परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एनटीएसई परीक्षा को नए सिरे से पेश करने पर चर्चा चल रही है, जिसमें अधिक से अधिक छात्रों को फायदा पहुंचाने और छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने के साथ ही छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाना शामिल है.'
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बहरहाल, उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई. यह परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी और 11 अन्य भारतीय भाषाओं में कराई जाती है। छात्रवृत्ति विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई कर रहे छात्रों को डॉक्टरल स्तर तक तथा औषधि और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में द्वितीय डिग्री स्तर तक दी जाती है. इसमें 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को हर महीने 1,250 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है जबकि स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को हर महीने 2,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती है. देश में कुल 2,000 छात्रवृत्तियां दी जाती हैं जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत तथा दिव्यांग छात्रों के लिए चार प्रतिशत का आरक्षण होता है.