कोलकाता: राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) ने राज्य सरकार द्वारा बजटीय सहयोग की कथित कमी के कारण वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पश्चिम बंगाल में नए उम्मीदवारों की भर्ती रोकने का फैसला लिया है. एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि एनसीसी में पहले से ही नामांकित 41,000 से अधिक कैडेट अब शिविरों में शिरकत नहीं कर सकेंगे. वहीं, बंगाल की तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार पर 'वित्तीय कुप्रबंधन' का आरोप लगाने वाली भाजपा ने इस घटना को लेकर सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केन्द्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने पत्रकारों से कहा कि राज्य सरकार के पास 'मेलों, खेलों और अन्य गतिविधियों के लिए धन है', लेकिन एनसीसी शिविरों के लिए धन नहीं है. वहीं, सत्तरूढ़ दल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 1.97 लाख करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी नहीं किए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी नीत सरकार सभी परियोजनाओं को चलाने का प्रयास कर रही है.
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Kolkata |Received Rs 80 lakhs but approx Rs 3 cr required for NCC 'B'&'C' certificate(exam)&completing minimum camps. Our ADG said that due to lack of funds&compulsory contributions not coming from state Govt, camp&exams can't be held: Maj Dr BB Singh, NCC's WB-Sikkim Directorate pic.twitter.com/PGEd2mHWTP
— ANI (@ANI) October 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) October 26, 2022
एनसीसी के एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'राज्य सरकारें शिविरों के लिए 25 प्रतिशत कोष देती हैं जबकि केंद्र 75 प्रतिशत राशि देता है.' एनसीसी के पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम निदेशालय के प्रभारी अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल यूएस सेनगुप्ता ने एनसीसी महानिदेशक को भेजे पत्र में कहा कि अथक प्रयास और राज्य सरकार से विभिन्न स्तरों पर बातचीत के बावजूद राज्य सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल एनसीसी को बजट आवंटन अपरिवर्तित रहा. मेजर जनरल सेनगुप्ता ने छह अक्टूबर को लिखे पत्र में कहा है, 'इस प्रशिक्षण वर्ष में कैडेटों का नामांकन तब तक बंद किया जा रहा है जब तक कि राज्य सरकार निदेशालय को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध नहीं कराती.'
कोलकाता में एनसीसी के पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय के प्रवक्ता मेजर डॉ बीबी सिंह ने बुधवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 2022-23 में 80 लाख रुपये आवंटित किए हैं, जबकि अतिरिक्त तीन करोड़ रुपये की आवश्यकता है. सिंह ने कहा कि नदिया जिले के कल्याणी में एक अकादमी के बुनियादी ढांचे के विकास सहित कुल 10 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. प्रवक्ता ने कहा कि अगर कैडेट अपना प्रशिक्षण और परीक्षाएं पूरी नहीं कर पाते हैं तो इससे उनके करियर को नुकसान होगा.
एनसीसी अपने कैडेट को विभिन्न गतिविधियों से रूबरू कराता है जिनमें समाज सेवा, अनुशासन और एडवेंचर ट्रेनिंग पर विशेष जोर होता है. मेजर जनरल सेनगुप्ता ने अपने पत्र में इंगित किया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में पश्चिम बंगाल से कुल 54,324 कैडेट सीएटीसीएस (समेकित वार्षिक प्रशिक्षण शिविर) में भाग लेने वाले हैं. पत्र में कहा गया है, इनमें से 6,586 कैडेट ने सीएटीसीएस पूरा कर लिया है जबकि मौजूदा बजट में और 6,400 का सीएटीसीएस पूरा हो सकेगा. पत्र में कहा गया है, 'पश्चिम बंगाल में कुल 41,068 कैडेट ऐसे होंगे जिनका शिविर पूरा नहीं होगा, और इस वजह से वे बी और सी प्रमाणपत्र परीक्षा में बैठने के पात्र नहीं होंगे.'
पत्र के अनुसार, अन्य कैडेट के लिए और 103 शिविरों की आवश्यकता होगी. इसमें कहा गया है कि फिलहाल भर्ती कैडेट में से 75 फीसदी अपना शिविर पूरा नहीं कर सकेंगे और इस कारण वे एनसीसी की बी और सी प्रमाणपत्र शिविर में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे. यह रेखांकित करते हुए कि निदेशालय मौजूदा कैडेट को ही प्रशिक्षण नहीं दे पास रहा है, पत्र में कहा गया है कि अतिरिक्त धन उपलब्ध होने तक वर्ष 2022-23 के लिए कैडेट की भर्ती रोकी जाती है.
सिंह ने कहा कि बी प्रमाणपत्र के लिए एक कैडेट को एक शिविर में जबकि सी प्रमाणपत्र के लिए कैडेट को कम से कम दो शिविरों में हिस्सा लेना होता है. भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, सामुदायिक दुर्गा पूजा, मेलों और खेलों के लिए क्लबों को धन दिया जा रहा है, जबकि सरकार की माली हालत खराब है.
एनसीसी के पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय के इस फैसले पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सांतनु सेन ने दावा किया कि 100 दिन रोजगार गारंटी, सड़क निर्माण, आवास और छात्रों के मध्याह्न भोजन योजनाओं के तहत केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल के हिस्से का पैसा नहीं जारी कर रही है. उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अक्टूबर, 2021 में और फिर अगस्त, 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था और बताया था कि राज्य के हिस्से का 1.97 लाख करोड़ रुपये केन्द्र पर बकाया हैं.' भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए सेन ने दावा किया कि केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल को धन इसलिए नहीं दे रही है क्योंकि यहां तृणमूल कांग्रेस की सरकार है.
वहीं, माकपा ने कहा कि अगर कैडेट एनसीसी की बी और सी प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं कर पाते हैं कि समान रक्षा सेवा (सीडीएस) प्रवेश परीक्षा में यह उनके लिए प्रतिकूल होगा. माकपा की केन्द्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने पत्रकारों से कहा, एनसीसी का लक्ष्य चरित्र निर्माण और राष्ट्र निर्माण है, राज्य द्वारा शिविरों को धन नहीं दिए जाने से राज्य के लड़के और लड़कियां प्रभावित होंगे. (पीटीआई-भाषा)