नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में चुनाव की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं के साथ नेशनल कांफ्रेंस (NC) और पीडीपी के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की. मुलाकात के बाद कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसी नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयुक्त ने हमें आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक राज्य जो भारत का ताज है, उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। हम जम्मू-कश्मीर में एक लोकतांत्रिक सरकार चाहते हैं.
कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के इस प्रतिनिधिमंडल में फारूक अब्दुल्ला, प्रमोद तिवारी, महबूबा मुफ्ती और नसीर हुसैन चुनाव आयोग पहुंचे. वहीं इससे पहले कश्मीरी नेताओं की बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जम्मू-कश्मीर के 13 दलों के लोग आज यहां मिले और इस बात पर सहमत हुए कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए. हम सब इस मुद्दे पर एक साथ हैं कि जब स्थिति सामान्य हो गई है तो जम्मू-कश्मीर में चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली के मुद्दे पर सहमत हुए हैं. पवार ने राष्ट्रीय राजधानी में मीडिया से कहा, 'जम्मू-कश्मीर के लोगों के दर्द को साझा करने और उन्हें आश्वासन देने के लिए हम सभी श्रीनगर जाने के लिए तैयार हैं.' बता दें कि अगस्त 2019 में केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद जम्मू और कश्मीर का राज्य का दर्जा हटा दिया गया था, इसे तीन केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. अगर इस साल 90 सदस्यीय विधान सभा के लिए चुनाव होते हैं, तो यह 2014 के बाद और राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद होने वाला पहला चुनाव होगा.
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(आईएएनएस)