बीजापुर: नक्सली नेता नागेश पदम के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद नक्सली बौखला गए हैं. उसके बाद उन्होंने 26 अक्टूबर को बीजापुर बंद का आह्वान किया है. उससे पहले नक्सलियों की तरफ से बीजापुर के नेशनल हाईवे को ब्लॉक कर फायरिंग की बात सामने आई थी. जिसका पुलिस अधिकारियों ने खंडन किया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों ने रोड ब्लॉक किया था. कोई फायरिंग और आईडी विस्फोट की घटना नहीं हुई है. जो रोड ब्लॉक था उसे खोल दिया गया है. नक्सलियों ने एक वाहन में आगजनी की थी. सुरक्षाबलों की टीम ने नक्सलियों को खदेड़ दिया है. बुधवार शाम सात बजे की यह घटना बताई जा रही है.
नक्सलियों ने बस को रोका: बीजापुर हाईवे पर नक्सलियों ने गाड़ियों की आवाजाही रोक दी थी. यहां दो बस को रोका गया था. जिसमें एक बस को नक्सलियों ने बैनर पोस्टर लगाकर वापस बीजापुर की ओर भेज दिया. जब तक वह दूसरी बस को लेकर कोई कार्रवाई करते. तब तक सुरक्षाबलों की टीम वहां पहुंच गई. टीम ने बस को सुरक्षित रायपुर की ओर रवाना कर दिया.अब बीजापुर नेशनल हाईवे पर यातायात बहाल है. बीजापुर के एएसपी ने इस बात की पुष्टि की है.
"बीजापुर के थाना जांगला के जैवारम और बरदेला में नक्सलियों ने सड़क को ब्लॉक कर दिया था. लेकिन वह सड़क को पूरी तरह ब्लॉक कर पाने में सफल नहीं हुए. उसके बाद ब्लॉक सड़क को खुलवाया गया है. बीजापुर नेशनल हाईवे पर यातायात बहाल हो गया है. बीजापुर पुलिस नेशनल हाईवे पर पेट्रोलिंग कर रही है.": बीजापुर पुलिस
नक्सलियों ने बुलाया बीजापुर बंद: नक्सलियों ने 26 अक्टूबर को बीजापुर बंद बुलाया है. बताया जा रहा है कि नक्सली नेता नागेश पदम के एनकाउंटर में मारे जाने से नक्सली नाराज हैं. उसके बाद ही उन्होंने बंद का आह्वान किया है.
17 अक्टूबर को मारा गया था नक्सली नागेश पदम: नक्सली नागेश पदम 17 अक्टूबर को सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारा गया था. इससे बौखलाकर नक्सलियों ने नेशनल हाईवे पर आगजनी की कोशिश और हाईवे को बंद करने की कोशिश की थी. जिसे नाकाम कर दिया है. इस दौरान आईडी ब्लास्ट की भी बात सामने आ रही थी. जिसे सुरक्षाबलों ने खारिज किया है. नक्सलियों के तरफ से एक बस को रोककर उसे खाली कराकर वापस भेजने की बात भी सामने आई थी. इन सब घटनाओं से सुरक्षाबलों और पुलिस के अधिकारियों ने इंकार किया है. सुरक्षाबलों के अधिकारियों का दावा है कि इलाके में नक्सलियों की हिंसा को नाकाम कर दिया है. मौके पर नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके है. माओवादियों ने 23 अक्टूबर से 7 दिसंबर तक नक्सली नेताओं के मारे जाने की याद में सभा के आयोजन करने की बात पर्चे में लिखी है.