रायपुर: अमित शाह आज बस्तर दौरे पर आ रहे हैं. लेकिन शाह के दौरे से पहले ही बस्तर में नक्सली एक्टिव हो गए हैं. लगातार शाह के दौरे का विरोध किया जा रहा है. बीते हफ्ते में नक्सलियों का उत्पात काफी बढ़ गया है. हर रोज नक्सली किसी ना किसी घटना को अंजाम दे रहे हैं. बीते दिनों सुकमा में नक्सलियों का एक वीडियो सामने आया जिसमें वर्दीधारी नक्सलियों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण भी नजर आए. इस वीडियो में एक महिला नक्सली ने अमित शाह के बस्तर दौरे का विरोध जताया. अब सवाल ये उठता है कि नक्सली केंद्रीय गृह मंत्री के बस्तर दौरे का विरोध क्यों कर रहे हैं. इसे जानने के लिए ETV भारत ने नक्सल एक्सपर्ट शुभ्रांशु चौधरी से बात की.
नक्सल एक्सपर्ट शुभ्रांशु चौधरी ने बताया " पिछली बार अमित शाह 3 अप्रैल 2021 में बीजापुर नक्सल हमले में शहीद हुए 22 जवानों को श्रद्धांजलि देने छत्तीसगढ़ आए थे. उस दौरान उन्होंने नक्सलियों को 6 इंच जमीन के नीचे गाड़ देने की बात कही थी. यानी उन्होंने हिंसा से ही समस्या के समाधान की बात की थी. लेकिन इस बार वे क्या कहेंगे ये देखने वाली बात होगी. क्या सिर्फ हिंसा से हिंसा को काबू करने का रास्ता केंद्र सरकार अख्तियार करेगी या फिर केंद्र के रवैये में कोई परिवर्तन आएगा. ये सब अमित शाह के दौरे से समझ आएगा. "
Amit Shah Bastar Visit अमित शाह का बस्तर दौरा आज, नक्सलवाद पर कितनी लगेगी लगाम ?
नक्सलियों की ओर से मिल रहे हैं बातचीत के संकेत: चौधरी ने कहा कि "नक्सली इस समय जनयुद्ध का रास्ता अपना रहे हैं. संयुक्त मोर्चा की ओर झुकते हुए शांतिपूर्ण तरीके से ट्राइबल राइट्स की मांग कर रहे हैं. जिसका अगला चरण बातचीत होता है. दूसरे देशों ने शांति के लिए बातचीत का रास्ता अपनाया है. नेपाल में इसी को अपनाते हुए शांति आई थी. कोलंबिया, फिलीपींस में अभी बातचीत चल रही है. "
अमित शाह के बस्तर में दिए बयान पर सबकी निगाहें: "हिंसा से भी बहुत जगह सफलता मिली है. एलटीटी इसका उदाहरण है. हिंसा से इसे खत्म किया गया. नक्सली लगातार हिंट दे रहे हैं कि वे बातचीत करना चाहते हैं. इस समय समस्या के पूरे समाधान का समय है. होम मिनिस्ट्री भी इस दिशा में भी कुछ सोच रही है इसका जवाब अमित शाह के बस्तर दौरे से मिलेगा. "