मुंबई : महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वानखेडे़ ने कहा कि नवाब मलिक के आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा कि 2017 में जब्त किए गए नकली नोटों का अंकित मूल्य लगभग 10 लाख था, न कि 14 करोड़ के आसपास, जैसा कि मलिक ने दावा किया है.
वानखेड़े ने कहा कि इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उस समय डीआरआई ने मामले की जांच के लिए एनआईए से संपर्क किया था, लेकिन एनआईए ने मामले को अपने हाथ में नहीं लिया.
देवेंद्र फडणवीस ने भी एक प्रतिक्रिया दी है. हालांकि, उन्होंने इस बार किसी का नाम नहीं लिखा है. उन्होंने अंग्रेजी उपन्यासकार जॉर्ज बनार्ड शॉ की पंक्तियों को उद्धृत किया है. उन्होंने लिखा है कि मैंने बहुत पहले सीखा था कि ....से कभी मत लड़ो, क्योंकि इससे आप ही गंदे हो जाएंगे लेकिन वह इसे पसंद करेंगे.
आपको बता दें कि एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आज प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि 8 अक्टूबर 2017 को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने BKC (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) में छापेमारी की थी, जिसमें 14.56 करोड़ के जाली नोट पकड़े गए थे. लेकिन जब्ती में 8.80 लाख रुपये दिखाए गए. देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले को रफा-दफा कर दिया. जाली नोट चलाने वालों को तत्कालीन सरकार का संरक्षण था.'
मलिक ने आरोप लगाया कि जाली नोट का कारोबार ISI-पाकिस्तान-दाऊद भाया बांग्लादेश में फैलाया जाता है. उन्होंने कहा था कि एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से फडणवीस के अच्छे संबंध हैं.
मलिक यहीं नहीं रूके, उन्होंने फडणवीस पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपराधियों को अलग-अलग जगहों पर नियुक्त किया.
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